ज्योतिरादित्य सिंधिया का दर्द भी इस दौरान झलका। सिंधिया ने कहा- कुर्सी ठुकराना आसान नहीं होता है। सिंधिया ने कहा- हमारे हिन्दी शब्दकोष में एक शब्द होता है राजनीति। कुछ लोगों के लिए राजनीति लक्ष्य होता है और जिन लोगों का लक्ष्य राजनीति होता है वो जनसेवा को माध्यम बनाकर राजनीति की कुर्सी हासिल कर लेते हैं। लेकिन कुछ लोग के लिए राजनीति सिर्फ समाज सेवा का माध्यम होता है। जिनके लिए समाज सेवा लक्ष्य होता हो उनके लिए राजनीति एक माध्यम हो सकती है। सिंधिया ने कहा कि ऐसे लोगों कुर्सी को ठुकरा देते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कुर्सी को ठुकरना आसान नहीं होता है और मैंने 18 सालों में पार्टी से कुछ नहीं मांगा तो अब क्या मांगूगा। जिन लोगों का लक्ष्य राजनीति है वो समाज सेवा के माध्यम से कुर्सी पाना चाहते हैं। सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में कुर्सी कभी महत्वपूर्ण नहीं रही। मुझे उदाहरण देने की जरूरत नहीं है मेरी जिंदगी का जो इतिहास रहा है वो आप सब लोगों के सामने है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं सभी फिल्में देखता हूं और छपाक भी देखूंगा। इसके साथ ही सिंधिया ने दीपिका पादुकोण बधाई भी दी। सीएम की रेस में थे सिंधिया
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाराजगी की भी कई खबरें आई हैं हालांकि हर बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस खबरों का खंडन किया है।