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माधवराव सिंधिया की श्रद्धांजलि सभाएं करना चाहते थे कमलनाथ
30 सितंबर यानी आज माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि है। मध्यप्रदेश उपचुनाव के कारण कांग्रेस पार्टी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को अपना नेता मानते हुए बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी थी। हालांकि, आचार संहिता लगने पर ये श्रद्धांजलि कार्यक्रम उम्मीद के मुताबिक नहीं सका। राजनीतिक जानकारों की मानें तो, कांग्रेस पुण्यतिथि के जरिए लोगों की माधवराव सिंधिया से जुड़ी भावनाओं के आधार पर वोट की मांग करेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में एक चिट्ठी वायरल हुई थी जिसमें स्वर्गीय सुभाष यादव की पुण्यतिथि बड़े पैमाने पर मनाने की प्लानिंग थी। स्थिति में बताया गया था कि स्वर्गीय सुभाष यादव की श्रद्धांजलि सभा के जरिए पिछड़ा वर्ग का वोट प्राप्त किया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में बिना सिंधिया के कांग्रेस का काम नहीं चलता
कमलनाथ के नज़दीकी रणनीतिज्ञों की मानें तो, स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करके वो पिता-पुत्र के बीच एक बड़ी लकीर खींच पाएंगे। माधवराव सिंधिया से प्रेम करने वालों का वोट कांग्रेस में रोक पाएंगे। मध्य प्रदेश में बिना सिंधिया के कांग्रेस का काम नहीं चलता। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा सिंधिया राज परिवार को कांग्रेस में शामिल किया गया था। आपातकाल के समय इंदिरा गांधी ने माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में शामिल किया था और अब जब सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य कांग्रेस में नहीं रहा, तो कमलनाथ स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की फोटो के जरिये उपचुनाव का वोट बैंक बनाने की रणनीति बना रहे हैं।