scriptFact Check: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर भाजपा शब्द हटाया, फिर बड़े उलटफेर की तैयारी! | jyotiraditya scindia: removes bjp from his twitter rumours | Patrika News

Fact Check: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर भाजपा शब्द हटाया, फिर बड़े उलटफेर की तैयारी!

locationभोपालPublished: Jun 06, 2020 10:43:21 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

ज्योतिरादित्य सिंधिया उपचुनाव में भाजपा के बड़े चेहरे हैं।

फिर सुर्खियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, ट्विटर के बायो से भाजपा शब्द हटाया!

फिर सुर्खियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, ट्विटर के बायो से भाजपा शब्द हटाया!

भोपाल. भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट के बायो से भाजपा शब्द हटा लिया है। बता दें कि कांग्रेस छोड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर पर जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा था। सोशल मीडिया में किए जा रहे दावे के अनुसार, एक बार फिर से मध्यप्रदेश की सियासत में अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
लिखा ही नहीं था भाजपा
सच्चाई ये है कि कांग्रेस छोड़ने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर बायो में कहीं भी भाजपा शब्द का जिक्र नहीं किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद के परिचय में जनसेवक और क्रिक्रेट प्रेमी लिखा है। कुछ लोगों का कहना है कि सिंधिया ने अपने प्रोफाइल में भाजपा जोड़ा ही नहीं था। हालांकि इस पर भाजपा या ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
फिर सुर्खियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, ट्विटर के बायो से भाजपा शब्द हटाया!
राज्यसभा के उम्मीदवार हैं सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार हैं। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव के लिए तिथियों का एलान कर दिया है। 19 जून को मध्यप्रदेश की तीन सीटों पर राज्यसभा के चुनाव हैं। सिंधिया की जीत भी लगभग तय मानी जा रही है।
कैबिनेट में दो मंत्री
शिवराज कैबिनेट में फिलहाल पांच मंत्री हैं। पांच मंत्रियों में से दो मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं। वहीं, कैबिनेट विस्तार को लेकर कहा जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों में से 10 नेता और मंत्री बन सकते हैं। ये भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिंधिया को केन्द्र में मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, सिंधिया या उनके समर्थकों की ओर से अब तक किसी असंतोष की खबर नहीं आई, लेकिन दबी जुबान से लोग महाराज को कमतर आंकने की चर्चा
करने लगे हैं। प्रोफाइल से बीजेपी हटाने के दावे यदि सच हैं तो यह सिंधिया के प्रेशर पॉलिटिक्स का एक तरीका हो सकता है। खासकर इसलिए कि सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से ठीक पहले इसी तरह अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस हटा लिया था।

ट्रेंडिंग वीडियो