दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के पॉवर कॉरिडोर में अपनी जगह बनाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। सीएम न बन पाने के मलाल तो उन्हें अभी भी है। लेकिन सरकार में शामिल अपने गुट के मंत्रियों के जरिए वह अपनी ताकत एहसास करवाते रहते हैं। सोनिया गांधी से मिलने के बाद वह सीधे मध्यप्रदेश पहुंचे हैं। सिंधिया गुरुवार को भोपाल में थे। जहां वह कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। लेकिन सबकी निगाहें मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के आवास पर आयोजित डिनर पार्टी पर टिकी थी। क्योंकि इसमें सीएम को भी आमंत्रित किया गया था।
कमलनाथ नहीं पहुंचे
सिंधिया कैंप के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बंगले पर गुरुवार को डिनर आयोजन हुआ। इसमें अधिकतर मंत्री और विधायक शामिल हुए, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं पहुंचे। यहीं प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि सीएम इससे पहले आईएएस एसोसिएशन द्वारा दिए गए भोज में शामिल हुए। वहीं मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत, जीतू पटवारी और आरिफ अकील भी डिनर में नहीं पहुंचे।
सिंधिया कैंप के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बंगले पर गुरुवार को डिनर आयोजन हुआ। इसमें अधिकतर मंत्री और विधायक शामिल हुए, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं पहुंचे। यहीं प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि सीएम इससे पहले आईएएस एसोसिएशन द्वारा दिए गए भोज में शामिल हुए। वहीं मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत, जीतू पटवारी और आरिफ अकील भी डिनर में नहीं पहुंचे।
सियासी बातों से बचते रहे सिंधिया
सिंधिया यहां पूरे रंग में थे लेकिन मीडिया से राजनीतिक बातों को लेकर वह बचते रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर राज्यसभा जाने तक के सवालों को उन्होंने टाल दिया। भाजपा के राजनीतिक जमीन तलाशने के व्यंग्य पर सिंधिया ने कहा कि भाजपा अपनी चिंता करे। सिंधिया के इस डिनर डिप्लोमेसी को अध्यक्ष औऱ राज्यसभा की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
सिंधिया यहां पूरे रंग में थे लेकिन मीडिया से राजनीतिक बातों को लेकर वह बचते रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर राज्यसभा जाने तक के सवालों को उन्होंने टाल दिया। भाजपा के राजनीतिक जमीन तलाशने के व्यंग्य पर सिंधिया ने कहा कि भाजपा अपनी चिंता करे। सिंधिया के इस डिनर डिप्लोमेसी को अध्यक्ष औऱ राज्यसभा की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
खूब की हंसी ठिठोली
सिंधिया ने डिनर पार्टी में मंत्रियों के साथ खूब हंसी-मजाक किया। उन्होंने कहा कि जयवर्धन सिंह को हरा-भरा कबाब खिलाओ, देखें वे कौन सी डाइटिंग पर हैं। उन्होंने ओंकार मरकाम को भी हरा-भरा कबाब ऑफर किया। सिंधिया ने मंत्रियों से उनकी कुछ प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी ली। उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बताया कि इंदिरा गृह ज्योति योजना से प्रदेश के अधिकतर लोगों को लाभ मिला है।
सिंधिया ने डिनर पार्टी में मंत्रियों के साथ खूब हंसी-मजाक किया। उन्होंने कहा कि जयवर्धन सिंह को हरा-भरा कबाब खिलाओ, देखें वे कौन सी डाइटिंग पर हैं। उन्होंने ओंकार मरकाम को भी हरा-भरा कबाब ऑफर किया। सिंधिया ने मंत्रियों से उनकी कुछ प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी ली। उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बताया कि इंदिरा गृह ज्योति योजना से प्रदेश के अधिकतर लोगों को लाभ मिला है।
पांसे के घर किया ब्रेकफास्ट
रात में डिनर डिप्लोमेसी के बाद सिंधिया सुबह में सुखदेव पांसे के घर पहुंचे। वहां उन्होंने ब्रेकफास्ट किया और चाय पी। यहां उन्होंने अपने खेमे के मंत्रियों के चाय और ब्रेकफास्ट पर चर्चा की। जिसमें प्रदेश के वर्तमान सियासी हालात पर भी बात की।
रात में डिनर डिप्लोमेसी के बाद सिंधिया सुबह में सुखदेव पांसे के घर पहुंचे। वहां उन्होंने ब्रेकफास्ट किया और चाय पी। यहां उन्होंने अपने खेमे के मंत्रियों के चाय और ब्रेकफास्ट पर चर्चा की। जिसमें प्रदेश के वर्तमान सियासी हालात पर भी बात की।
पीसीसी दफ्तर पहुंचे सिंधिया
मंत्री पांसे के घर चाय पर चर्चा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सीधे पीसीसी दफ्तर पहुंचे। जहां हजारों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनका ग्रांड वेलकम किया। इसके दौरान कार्यकर्ताओं में जमकर धक्कामुक्की भी हुई। लेकिन सिंधिया अपने लोगों के साथ पार्टी ऑफिस में प्रवेश कर गए। वहां, वह पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी ऑफिस में सात महीने बाद पहुंचे हैं। इससे प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
मंत्री पांसे के घर चाय पर चर्चा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सीधे पीसीसी दफ्तर पहुंचे। जहां हजारों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनका ग्रांड वेलकम किया। इसके दौरान कार्यकर्ताओं में जमकर धक्कामुक्की भी हुई। लेकिन सिंधिया अपने लोगों के साथ पार्टी ऑफिस में प्रवेश कर गए। वहां, वह पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी ऑफिस में सात महीने बाद पहुंचे हैं। इससे प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
मिल सकती है जिम्मेदारी
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं, आने वाले दिनों में संगठन में सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। सिंधिया के साथ उनके खेमे के सारे मंत्री भी साए के साथ मौजूद रहे। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं अप्रैल में खाली हो रहीं राज्यसभा की सीटों के लिए भी सिंधिया अपनी ताकत का एहसास करवा रहे हैं। क्योंकि राज्यसभा के लिए एमपी से दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनें ही दावेदार हैं। ऐसे में सिंधिया की राह यहां भी आसान नहीं हैं।