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ज्योतिरादित्य सिंधिया का बदला अंदाज, उपचुनाव से पहले फिर लगाएंगे राजनीति का मास्टर स्ट्रोक

locationभोपालPublished: Aug 14, 2020 03:50:52 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

ज्योतिरादित्य सिंधिया संग के पसंदीदा नेताओं से भी करेंगे मुलाकात।

ज्योतिरादित्य सिंधिया का बदला अंदाज, उपचुनाव से पहले फिर लगाएंगे राजनीति का मास्टर स्ट्रोक

ज्योतिरादित्य सिंधिया का बदला अंदाज, उपचुनाव से पहले फिर लगाएंगे राजनीति का मास्टर स्ट्रोक

इंदौर. कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में आए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया अब पैठ बढ़ाने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कोरोना काल में परिवार की परंपरा का निर्वहन करते हुए सिंधिया अब राजनीतिक रणनीति भी तैयार कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक जीवन में ये पहला मौका होगा जब वो घर-घर जाकर नेताओं से मुलाकात करेंगे। इससे पहले जब भी सिंधिया इंदौर आते थे तो केवल वो एमपीसीए के सदस्यों से ही मुलाकात करते थे।
सिंधिया 17 अगस्त को इंदौर आ रहे हैं। सिंधिया के शेड्यूल के मुताबिक वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के घर जाएंगे। कैलाश से तो उनकी पुरानी अदावत रही है, इसके वाबजूद उनके यहां चाय पीएंगे। साथ ही सांवेर विधानसभा के लिए अपने करीबी मंत्री तुलसी सिलावट की जमीन मजबूत करने स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। इसके बाद रणनीति तैयार करेंगे।
परिवार की परंपरा
सिंधिया उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी का रामघाट पर पूजन भी करेंगे। ऐसी परंपरा है कि सिंधिया परिवार का सदस्य उज्जैन में बाबा महाकाल की सावन की आखिरी सवारी का पूजन करते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं।
बदले-बदले सिंधिया
सिंधिया जिस तरह भाजपा नेताओं के घर-घर जाकर मुलाकात करेंगे इससे साफ है कि वे ग्वालियर-चंबल अंचल की तरह मालवा-निमाड़ में भी अपनी पकड़ और मजबूत करना चाह रहे हैं। सांवेर उपचुनाव में भाजपा से अधिक सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। क्योंकि यहां से उनके करीबी तुलसी सिलावट को उपचुनाव लड़ना है।
कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद सिंधिया का यह बदला स्वरूप दिखाई दे रहा है। वह कांग्रेस में रहते हुए जब भी इंदौर आते थे तो अधिकतर एमपीसीए सदस्यों से ही मुलाकात करते थे। मंत्री नेताओं के घर सिर्फ खुशी या गम के मौकों पर ही जाते थे। अब करीब छह महीने बाद जब वो भाजपा में हैं तो पहली बार इंदौर आ रहे हैं। इसके साथ ही सिंधिया पहली बार एक साथ 10 बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।
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