कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्धांत है। राष्ट्र पहले, फिर पार्टी और अंत में स्वयं। जहां सवाल देशहित और पार्टी हित का हो वहां स्वयं का कोई महत्व नहीं रह जाता। हमारे सामने पश्चिम बंगाल में पार्टी को अधिकाधिक सीटे जिताने का लक्ष्य है, यह लक्ष्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी चुनौती भी है। इंदौर की जनता, कार्यकर्ता व देशभर के शुभचिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ, समृद्ध भारत के लिये पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है। पश्चिमबंगाल की जनता मोदीजी के साथ खड़ी है, मेरा बंगाल रहना कर्तव्य है। अतः मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा- आशा है कि आप भी देशहित एवं पार्टी हित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे व पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनायेगी, उनकी जीत के लिये, जी जान से जुट जायेंगे। मेरी न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश के मतदाताओं से विनती है कि एनडीए जैसी मजबूत सरकार एवं मोदीजी जैसे मजबूत प्रधानमंत्री के लिए मतदान करें।
कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वर्तमान में पार्टी ने विजयवर्गीय को बंगाल की कमान सौंप रखी है इसके बावजूद विजयवर्गीय ने हाल ही में कहा था कि अगर उन्हें पार्टी चुनाव लड़ने के लिए कहेगी या टिकट देगी तो उनकी इतनी हैसियत नहीं कि वो चुनाव लड़ने से इंकार कर दें।
सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए एक लेटर लिखा था। उन्होंने कहा था कि इंदौर में प्रत्याशी के लेकर असमंजस खत्म करे, मुझे चुनाव नहीं लड़ना है। मैं इसकी घोषणा करती हूं। महाजन ने लिखा है कि भाजपा ने अभी तक इंदौर से लोकसभा के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। संभव है कि पार्टी निर्णय लेने में कुछ संकोच कर रही है। हालांकि मैंने पार्टी के नेताओं पर ही इस बारे में निर्णय छोड़ा था। लेकिन उनके मन में कुछ असमंजस है। इसलिए मैं यह घोषणा करती हूं कि मुझे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना है। अब पार्टी अपना निर्णय मुक्त होकर और नि:संकोच मन से करे। वहीं, उन्होंने पार्टी, कार्यकर्ताओं और जनता को प्यार और सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया था।