कभी नहीं हारे चुनाव
कैलाश विजयवर्गीय पहली बार इंदौर के मेयर चुने गए थे और उसके बाद से संसदीय राजनीति में वह लगातार आगे ही बढ़ते रहे। कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश विधानसभा का कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं। जब भी वो चुनावी मैदान में उतरे उन्हें हर बार जीत मिली। कैलाश विजयवर्गीय इंदौर की अलग-अलग सीटों से विधायक रहे। कैलाश विजयवर्गीय ने 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा पर इससे पहले वो लगातार छह बार विधायक रहे। विजयवर्गीय को 2014 में बीजेपी का हरियाणा चुनाव प्रचार का प्रभारी बनाया गया था। वहां पार्टी की जीत के बाद केंद्रीय राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ गया।
2015 में अमित शाह ने उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया और इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में पार्टी का प्रभारी बना दिया गया। विजयवर्गीय के नेतृत्व में पार्टी ने बंगाल में बढ़त भी हासिल की है और इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी वहां कांटे की टक्कर दे रही है। कैलाश विजयवर्गीय के छात्र जीवन से ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
राजनीतिक सफर
कैलाश विजयवर्गीय 1983 में इंदौर नगर निगम के मेयर और 1985 में स्थायी समिति के सदस्य चुने गए। भारतीय जनता युवा मोर्चो (भाजयुमो) के राज्य सचिव बने। 1985 में ही वह विद्यार्थी परिषद के स्टेट कॉर्डिनेटर भी बने। 1990 में भाजपा ने उन्हें विधानसभा का टिकट दिया। वो पहली बार विधायक बने। 1990, 1993, 1998, 2003, 2008, और 2013 के विधानसभा चुनावों में विधायक चुने जाते रहे हैं। इसके वह अलग-अलग सीटों से विधायक रहे। 2008 में उन्होंने महू से चुनाव लड़ा और 2013 का भी चुनाव वहीं से जीता।
कैलाश विजयवर्गीय 1983 में इंदौर नगर निगम के मेयर और 1985 में स्थायी समिति के सदस्य चुने गए। भारतीय जनता युवा मोर्चो (भाजयुमो) के राज्य सचिव बने। 1985 में ही वह विद्यार्थी परिषद के स्टेट कॉर्डिनेटर भी बने। 1990 में भाजपा ने उन्हें विधानसभा का टिकट दिया। वो पहली बार विधायक बने। 1990, 1993, 1998, 2003, 2008, और 2013 के विधानसभा चुनावों में विधायक चुने जाते रहे हैं। इसके वह अलग-अलग सीटों से विधायक रहे। 2008 में उन्होंने महू से चुनाव लड़ा और 2013 का भी चुनाव वहीं से जीता।
विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं कैलाश
कैलाश विजयवर्गीय अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। कैलाश विजयवर्गीय कई मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी के साथ रख चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। कैलाश विजयवर्गीय कई मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी के साथ रख चुके हैं।