कैलाश ने ट्वीट किया है कि मान गए कमलनाथ जी, दो अपने ही साथियों का शिकार कर दिया… दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि वाह रे राजनीति! मध्यप्रदेश में बस दो ही जीते पिता और पुत्र बाकी सारे राजा, महाराजा और दरबारी निपट गए या निपटा दिए गए। इस तरह की रणनीति सिर्फ कांग्रेस में ही संभव है। मोदी की आंधी के सामने दुबका विपक्ष।
राजनीति के जानकार भी मानते हैं कांग्रेस यहां गुटबाजी की शिकार हुई है। यही वजह है कि लोकसभा चुनावों में मध्यप्रदेश में करारी हार हुई है। 29 सीट में सिर्फ एक सीट पर जीत हुई है। वो छिंदवाड़ा की सीट है। जहां से पहले कमलनाथ सांसद थे। सीएम बनने के बाद उन्होंने सीट छोड़ दी और उनके बेटे नकुलनाथ वहां से चुनाव लड़े। इसके साथ ही वह जीतने में भी कामयाब हुए।