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दो साल से उखड़ा है घाट का फर्श, सीढिय़ां भी टूटी पड़ी, कई श्रद्धालु हो जाते हैं जख्मी

locationभोपालPublished: Feb 14, 2019 01:40:14 am

Submitted by:

Bharat pandey

कालीघाट : जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी नहीं संवारा जा रहा मंदिर का घाट

Kali Ghat

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भोपाल. शहर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र काली मंदिर तलैया परिसर का कालीघाट जीर्णशीर्ण हालत में है। मंदिर के आसपास बने घाट पर लगी फर्श दो साल से उखड़ रही है। फर्श के टुकड़े दर्शनार्थियों के पैरों में लग रही है। इसे लेकर मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी महापौर से लेकर पार्षद तक गुहार लगार चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फर्शियों के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए मंदिर के पदाधिकारियों ने एक हिस्से से फर्श निकालकर वहां सीमेंट लगाकर इसे ठीक कर दिया है, लेकिन दूसरे हिस्से में अब भी फर्श उखड़ा पड़ा वहीं सीढिय़ां टूट चुकी हैं। ऐसे में यहां कोई भी हादसा हो सकता है।

Kali Ghat

श्रेय लेने की होड़ में अटका काम
यहां फर्शीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए मंदिर समिति ने कई बार निगम प्रशासन, पूर्व विधायक और पार्षद के पास गुहार लगाई, ज्ञापन भी दिए, लेकिन काम नहीं हो पाया। बताया जाता है कि यहां सौंदर्यीकरण और फर्शीकरण की फाइल तैयार है,। यह काम 20 लाख रुपए में होना है। मंदिर समिति ने इसके लिए फर्श सहित जरूरी सामान लाकर भी रखा है, लेकिन घाट के सौंदर्यीकरण के नाम पर यहां काम भी शुरू नहीं करने दिया जा रहा है।

 

Kali Ghat

एस आकार में होगा सौंदर्यीकरण
नगर निगम की ओर से इसका सौंदर्यीकरण किया जाना है। झील संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा घाट की साफ सफाई का काम किया जा रहा है। यहां एस आकार में पाथ-वे बनेगा। घाट पर सीढिय़ां, फर्श के साथ ही लोगों के बैठने के लिए बेंच भी लगाई जाएगी। इसके अलावा आकर्षक लाइङ्क्षटग लगाई जाएगी। इस पर लगभग 20 लाख रुपए खर्च होंगे, लेकिन यह काम कब से शुरू होगा यह कहना मुश्किल है।

मंदिर को दें जिम्मेदारी
मंदिर के आसपास घाट की स्थिति देखकर हमने एक हिस्से में तो थोड़ा बहुत काम कर दिया है, लेकिन एक हिस्सा अब भी जर्जर हालत में ही है, या तो प्रशासन यहां शीघ्र काम कराए नहीं तो मंदिर को ही इसकी जिम्मेदारी दे दे, तो हम अपने स्तर पर घाट की मरम्मत कर लेंगे।
रजनीश बगवार, उपाध्यक्ष, काली मंदिर

फाइल तैयार हो गई है
कालीघाट के जीर्णोद्धार की फाइल तैयार हो गई है। एक-दो दिन में स्वीकृति मिलते ही घाट का काम शुरू का दिया जाएगा।
आलोक शर्मा, महापौर, भोपाल

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