अगर 2014
लोकसभा चुनाव में बात की जाए तो उस समय पूरे देश में मोदी लहर थी। मोदी की लहर होने के बावजूद कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार स्थिति कुछ और थी। क्योंकि कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराकर 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। उम्मीद थी कि इस बार कांग्रेस की सीटों में बढ़ोतरी होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इस बार लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी में कांग्रेस के कई दिग्गज चुनाव हार गए। पहली बार सिंधिया राजघराने से गुना सीट हाथ से निकल गई। यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार गए। वहीं, लगभग 16 साल बाद चुनावी मैदान में उतरे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी
दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गए। साध्वी ने उन्हें तीन लाख से अधिक मतों से हराया।
कुल मिलाकर देखा जाए तो मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके बावजूद मोदी की सुनामी में भी नाथ पिता-पुत्र ने कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाला छिंदवाड़ा सीट जीत कर कांग्रेस की लाज बचा ली।