सदन की बैठकों कम समय देने पर उठे सवाल से यह इस विवाद का जन्म हुआ है। जब यह सवाल कमलनाथ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा के अंदर इसलिए नहीं जाता, क्योंकि विधानसभा में बकवास होती है और एक दल के लोग बकवास करते हैं, तो क्या मैं वहां बकवास सुनने जाऊंगा। भाजपा ने इसी बयान पर कमलनाथ की घेराबंदी की है। इसके जवाब में कांग्रेस भी आगे आई।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि कमलनाथ वरिष्ठ सदस्य हैं। आठ-दस बार लोकसभा में रहने का अवसर मिला। वो 40 साल से लोकसभा के भीतर हैं। मंत्री भी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। ऐसे वरिष्ठ सदस्यों को विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है, जूनियर सदस्य इनसे सीखने का प्रयास करते हैं, लेकिन यदि सीनियर सदस्य का आचरण सही नहीं होगा तो जूनियर सदस्य क्या सीखेंगे। वहीं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई को बकवास कहना बहुत पीड़ादायी है। कमलनाथ के खिलाफ अगले विधानसभा सत्र में विशेषाधिकार का मामला लेकर आएंगे।
कमलनाथ की घेराबंदी पर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हुई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट किया कि कमलनाथ सबसे ज्यादा अनुभव वाले सांसद हैं। वीडी शर्मा को शायद नहीं पता कि सदन के बाहर की कोई बात सदन के कार्यक्षेत्र का विषय नहीं होती। कमलनाथ ने एक साक्षात्कार के दौरान अपनी बात कही थी। वहीं प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ के कहने का भाव यह था कि भाजपा विधायक सदन की विषय सूची से हटकर सदन की कार्यवाही को बाधित करते हैं।