शनिवार को मीडिया से चर्चा करते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार ने दुष्कर्म में मामलों में 50 से 59 वर्ग के पीड़ितों की मदद को लेकर फैसला लिया है। सरकार पीड़िता के परिजनों की भी मदद करेगी। रेप और हत्या के मामले में सरकार पीड़िता के बच्चों की ग्रेजुएट तक की पढ़ाई निशुल्क कराएगी।
हर महीने मिलेंगे 5 हजार रुपए
हत्या के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- हत्या के मामले में भी एससी और एसटी वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद दी जाएगी। पीसी शर्मा ने कहा- एससी-एसटी वर्ग के किसी व्यक्ति का हत्या का मामला सामने आता है तो सरकार के द्वारा मृतक की विधवा को हर महीने 5 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 6 महीने के अंदर पीड़िता के परिवार को पूरी राशि दी जाएगी।
हत्या के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- हत्या के मामले में भी एससी और एसटी वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद दी जाएगी। पीसी शर्मा ने कहा- एससी-एसटी वर्ग के किसी व्यक्ति का हत्या का मामला सामने आता है तो सरकार के द्वारा मृतक की विधवा को हर महीने 5 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 6 महीने के अंदर पीड़िता के परिवार को पूरी राशि दी जाएगी।
सामान्य वर्ग क्यों नहीं?
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने अभी एससी-एसटी वर्ग को इसमें शामिल नहीं किया है। संभवत: हो सकता है ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों के आंकड़े अधिक दयनीय होंगे इसी कारण अभी केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों को शामिल किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा- सरकारें पैसा बांटने के लिए नहीं है। सरकार को राशि बांटने की बजाए पीड़िताओं को कानूनी सहायता देनी चाहिए इसके साथ ही सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा- पीड़िताओं को धर्म और जाति के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने अभी एससी-एसटी वर्ग को इसमें शामिल नहीं किया है। संभवत: हो सकता है ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों के आंकड़े अधिक दयनीय होंगे इसी कारण अभी केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों को शामिल किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा- सरकारें पैसा बांटने के लिए नहीं है। सरकार को राशि बांटने की बजाए पीड़िताओं को कानूनी सहायता देनी चाहिए इसके साथ ही सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा- पीड़िताओं को धर्म और जाति के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।