कमलनाथ सरकार का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह अहम फैसला माना जा रहा है। पटवारी ने बताया कि अब यूपीएससी की तैयारी करने वाले 150 छात्रों का चयन कर उन्हें बाहर भेजा जाएगा। इसके साथ ही सरकारी कॉलेजों का इस्तेमाल निजी कोचिंग कक्षाओं के लिए भी किया जा सकेगा। खासकर शाम के समय इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। पटवारी ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले इन कोचिंग संस्थाओं को सरकारी कालेजों के भवन में स्थान मिल सकेगा।
और क्या बोले पटवारी
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले तीन माह में उच्च शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी।
-प्रदेश के 1250 कॉलेजों में मात्र 50 रुपए में छात्र एडमिशन पा सकेंगे।
-इसके लिए एक ही पोर्टल से फीस जमा की जा सकेगी।
-इसे एमपी आनलाइन से जमा किया जा सकेगा, जिसके संचालक 50 रुपए से अधिक चार्ज नहीं वसूल कर पाएंगे।
-शाम को खाली पड़े रहने वाले सरकारी कालेजों के भवन को निजी कोचिंग संचालकों को दिया जाएगा।
-खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंक संचालकों को यह भवन दिए जाएंगे।
-प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए छात्र संघ चुनाव।
-इस साल तैयार हो जाएगा भोपाल के मास्टर प्लान।
सीधी भर्ती पर कुछ नहीं बोले पटवारी
जीतू पटवारी ने सीधी भर्ती में आयुसीमा बढ़ाने के मामले में कुछ नहीं बताया। यह मामला फिलहाल सीएम कार्यालय में अटका पड़ा है। मध्यप्रदेश में राज्य लोकसभा आयोग के जरिए होने वाली सीधी भर्ती अधिकतम आयु सीमा पर विवाद चल रहा है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को अधिकतम आयु सीमा के प्रावधान में संशोधन करने को कहा गया है। फिलहाल आयु सीमा 28 साल है। जबकि प्रदेश के निवासियों को इसमें 12 से 17 साल तक की छूट दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग के लिए प्राध्यापक भर्ती के वक्त इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर कोर्ट ने सरकार के खिलाफ फैसला दिया था।