जी हां, प्रदेश की जनता को वचन देकर सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार अगले महीने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लेगी। इस एक साल में सरकार ने कितने वचन निभाए, इसका हिसाब सरकार प्रदेश की जनता के सामने रखेगी। जिसमें बताया जाएगा कि सरकार ने इस एक साल में प्रदेश की जनता के लिए क्या क्या किया है। सीएम कमलनाथ ने गोपनीय तौर पर सभी विभाग प्रमुख और विभागीय मंत्रियों को इसके संकेत भी दे दिए हैं।
सरकार की एक साल की उपलब्धियां बताने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और प्रदेश कांग्रेस के नेता जनता के बीच जाएंगे। जाहिर है जनता के बीच जाएंगे तो उन वादों के बारे में भी बताना पड़ेगा जो चुनाव से पहले कांग्रेस ने मंच से किए थे। सीएम कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को सत्ता संभालते ही सबसे पहले किसान कर्जमाफी, कन्या विवाह प्रोत्साहन राशि 25 हजार से बढ़ाकर 51 हजार करने, पेंशन राशि 300 से बढ़ाकर 600 रुपए करने, पंचायतों में गौशालाएं खोलने और अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे। साथ ही सभी विभागों को कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र की प्रति थमा दी थी। जिसके बाद विभागों ने वचन निभाने का काम शुरू किया। पिछले 11 महीने में सरकार लगातार वचन पूरे करने में लगी है। पिछले हफ्ते सीएम कमलनाथ ने सभी विभागों से कहा है कि सालभर के भीतर जितने वचन पूरे किए हैं। उनको जनता के सामने रखा जाएगा।
सरकार जहां अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि कमलनाथ की सरकार अभी तक प्रदेश की जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरी है। किसान कर्जमाफी, अतिवृष्टि राहत और बेरोजगारी को लेकर वो कांग्रेस पर निशाना साध रही है। पूर्व सीएम शिवराज ने तो ये तक कह दिया है कि रोजगार-रोजगार की बात करने वाली कमलनाथ सरकार बीते 11 महीनों में एक भी भर्ती नहीं निकाल पाई है। सारी परीक्षाएं बंद हैं…बेरोजगारों को भत्ता नहीं दिया जा रहा है।
कमलनाथ सरकार रिपोर्ट कार्ड पेश करने तो जा रही है लेकिन ये इतना आसान नजर नहीं आ रहा है क्योंकि 10 दिन में किसानों का कर्जमाफी की बात कर सत्ता हासिल करने के बाद सरकार अब तक किसानों के कर्ज को माफ करने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। कितने किसानों का कर्जामाफ हुआ है इसका आंकड़ा भी सरकार के पास नहीं है। कर्जमाफी की राह देखते-देखते कई किसान कर्ज के तले दबे अपनी जान दे चुके हैं। युवाओं को हर महीने 4 हजार रुपए का भत्ता देने का वादा भी पूरा नहीं हुआ है। गौशाला निर्माण के क्या हाल हैं ये किसी से छिपी नहीं हैं। कई जगहों पर काम ही शुरु नहीं हो पाया है। पूर्व से चली आ रही कई योजनाओं पर सरकार ने ताला लगा दिया है और इस साल हुई अतिवृष्टि और बाढ़ ने तो प्रदेश के हाल कुछ कदर बेहाल किए हैं कि जनता अभी तक परेशान हैं और नुकसान की भरपाई भी करने में सरकार फेल रही है। तो देखना ये है कि आखिर जब सरकार जनता के बीच अपना ये रिपोर्ट कार्ड रखेगी तो जनता और बीजेपी का इस पर क्या रिएक्शन होगा।