बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के साथ कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर चर्चा की है। क्योंकि कमलनाथ ही मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। कांग्रेस में बगावत से पहले नए अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा भी चल रही थी। अब कमलनाथ के सीएम पद से इस्तीफे के बाद सवाल है कि अब अगला नेता प्रतिपक्ष कौन होगा।
पीसी की मांग वहीं, कमलनाथ की सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे पीसी शर्मा ने मांग की है कि प्रदेश की कमान कमलनाथ के पास ही रहे। उन्होंने यह मांग की है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर कमलनाथ ही काबिज रहे, साथ में वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे। आलाकमान के सामने हम अपनी बात रखेंगे।
उपचुनाव को लेकर भी चर्चा बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी से फिर से प्रदेश की सत्ता में वापसी के फॉर्मूले पर बात की है। क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद उन सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में अगर इन सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करती है तो प्रदेश की सत्ता में वापसी हो सकती है। लेकिन जिन इलाकों में चुनाव होने हैं, वह ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्षेत्र है।
गुटबाजी हावी ऐसा नहीं है कि प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी सिंधिया के इस्तीफे के बाद खत्म हो गई है। अब कांग्रेस में अंदरूनी तौर पर एक-दूसरे पर थोपने की राजनीति चल रही है। किसकी वजह से मध्यप्रदेश में यह स्थिति बनी है। एक खेमा अभी भी इसके लिए दिग्विजय सिंह को दोषी ठहरा रहे हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी हुई है, इसलिए ऐसे हालात बनें।