प्रदेश की साढ़े चार हजार सहकारी समितियों से प्रशासक को हटाने की प्रक्रिया शुरी हो गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में सहकारिता चुनाव प्रधिकरण ने सभी समितियों को मतदाता सूचा तैयार करने को कहा है। मतदाता सूची में उन किसानों के नाम शामिल होगें जिन्होंने समितियों में पैसा डिपॉजिट कर रखा है।
मध्यप्रदेश में यह चुनाव आठ महीने पहले होने थे। लेकिन समितियों की आर्थिक स्थिति खराब होने और डिफाल्टर सदस्यों के चलते चुनाव नहीं हो पाया था। इसके बाद सहकारी बैंकों और अपेक्स बैंक के अध्यक्ष चुनाव और सहित संचालक मंडल का गठन होगा। बताया जाता है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के चलते समितियों के चुनाव रोक दिए गए थे।
सहकारिता समिति के चुनाव के लिए एक महीने के अंदर मतदाताओं की सूची तैयार होगी। दावे और आपत्तियों के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। बता दें कि हर जिले में 88 सहकारी समितियां हैं।
बता दें कि हर जिले में औसत 88 सहकारी समितियां हैं। सहकारिता समिति के चुनाव के लिए करीब पांच सौ अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा पुलिस फोर्स लगेगा। इसके पहले इन कर्मचारियों को मतदान कराने के संबंध में सहकारिता चुनाव प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव कराने में लगाई जाएंगी उनकी सूची कलेक्टरों को तीन माह पहले प्राधिकरण में भेजनी पड़ेगी।