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‘महाराजा’ और ‘राजा’ के लिए उतरी थी मंत्रियों की ‘फौज’, अपने क्षेत्र से ज्यादा इनके लिए किया प्रचार फिर भी मिली हार

locationभोपालPublished: May 27, 2019 01:16:10 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर नहीं किया था प्रचार।

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‘महाराजा’ और ‘राजा’ के लिए उतरी थी मंत्रियों की ‘फौज’, अपने क्षेत्र से ज्यादा इनके लिए किया प्रचार फिर भी मिली हार

भोपाल. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है। वहीं, मध्यप्रदेश में पांच महीने पहले सरकार बनाने वाली कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट पर ही जीत मिली है। जबकि भाजपा ने 2014 से भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 28 लोकसभा सीटें जीती हैं। इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी अपना चुनाव हार गए। इन दिग्गजों को जिताने के लिए मध्यप्रदेश के कई कैबिनेट मंत्री सक्रिय थे उसके बाद भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं था।

सिंधिया और दिग्गी भी हारे
मप्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 16 साल बाद भाजपा की गढ़ मानी जाने वाली भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा था। वहीं, सिंधिया परिवार की गढ़ गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में भूचाल सा ला दिया। मध्यप्रदेश सरकार के ज्यादातर मंत्री इन्हीं दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार में जुटे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए उनके समर्थकों के अलावा मध्यप्रदेश सरकार के 7 मंत्री लगातार चुनावी क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए उनके बेटे जयवर्धन समेत राज्य सरकार के पांच मंत्री भोपाल संसदीय सीट पर जमे हुए थे। लेकिन इसके बाद भी दोनों नेताओं की हार नहीं टाल सके।

मध्यप्रदेश में 28 मंत्री
बता दें कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में 28 मंत्री हैं। इनमें से ज्यादातर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह खेमे के हैं। हालांकि प्रदेशभर की बात की जाए तो मध्यप्रदेश के सभी मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे उसके बाद भी वो मंत्री लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता नहीं दिला सके। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही अपना चुनाव जीत सके। खुद सीएम कमलनाथ ने प्रदेशभर में करीब 144 सभाएं कीं जिसके बाद भी कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका।
सिंधिया के लिए मंत्रियों ने किया सबसे ज्यादा प्रचार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कमलनाथ सरकार के 6 से 7 मंत्रियों ने चुनाव प्रचार किया। सिंधिया खेमे के प्रद्युम्न सिंह तोमर, लाखन सिंह यादव, इमरती देवी, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और उमंग सिंगार लगातार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर प्रचार करते रहे।
दिग्विजय के लिए बेटे जयवर्धन समेत कई मंत्री कर रहे थे प्रचार
कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित होते ही दिग्विजय सिंह अपने चुनाव प्रचार में जुट गए थे। दिग्विजय सिंह जहां खुद सक्रिय थे वहीं, दिग्विजय के बेटे राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह भी पिता के लिए प्रचार कर रहे थे। इसके अलावा डॉ गोविंद सिंह, आरिफ अकील, पीसी शर्मा एवं प्रियव्रत सिंह लगातार प्रचार में जुटे रहे। बता दें कि दिग्विजय सिंह के बेट जयवर्धन सिंह कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं।
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