भोपाल

कमलनाथ का अफसरों को मंत्र

वानिकी सम्मेलन में आईएफएस से बोले कमलनाथ, खुद को दुनिया से अलग न समझें, जंगल की कीमत पर विकास मंजूर नहीं
– सीएम ने किया वानिकी सम्मेलन का उद्घाटन
 

भोपालFeb 22, 2020 / 08:41 pm

Arun Tiwari

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भोपाल : वानिकी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कभी-कभी फॉरेस्ट अफसरों में ये बात आ जाती है कि उनकी दुनिया कुछ और है और बाकी की दुनिया कुछ और है। सीएम ने कहा कि वे अपनी दुनिया को अलग न समझें, सब की दुनिया एक है। सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। लोगों में इस तरह का संदेश नहीं जाना चाहिए। यदि उपर से ये विवाद शुरु हो गया तो नीचे स्थितियां और बिगड़ जाएंगी। सभी का लक्ष्य एक होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के चलते टकराव नहीं होना चाहिए। मुझे टकराव नहीं चाहिए।
मुख्यमंत्री ने एक बात और साफ-साफ कही। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर घने जंगल को खत्म करने की अनुमति वे नहीं दे सकते। जंगल की कीमत पर विकास उन्हें मंजूर नहीं है। जंगल किसी परियोजना में आड़े आते हैं तो कोई दूसरा रास्ता निकालना पड़ेगा। सीएम ने कहा कि बायोडायवर्सिटी के मामले में मध्यप्रदेश देश में सबसे ज्यादा समृद्ध है। यहां अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा वन क्षेत्र है। उन्होंने वन अधिकारियों से कहा कि इसे बचाने की जिम्मेदारी आपकी है।

वनो को हरा-भरा रखना चुनौती :
मुख्यमंत्री ने कहा कि तनाव और टकराव से वन सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। वन अधिकारियों और मैदानी अधिकारियों के सक्रिय सहयोग से ही वन संरक्षण संभव है। उन्होंने वन संरक्षण से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे वन संरक्षण अधिनियम का बारीकी से अध्ययन करें। जब 1980 में वन संरक्षण अधिनियम बना था तब की परिस्थितियों और वर्तमान परिस्थितियों में जमीन-आसमान का अंतर है। तब लोगों की अपेक्षाएं और आशाएं कम थी। नेशनल पार्क बनाना आसान था। सीएम ने कहा कि वनों को हरा-भरा बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वन भारतीय संस्कृति से गहरे जुड़े हंै। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्राथमिकताएं बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि वन से जुड़े लोगों को तनाव और टकराहट से बचते हुए वन संरक्षण को आगे जारी रखना होगा।

रासायनिक दवाओं से दूर जा रहे लोग :
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज पर कई अनुसंधान हो रहे हैं। अब दुनिया तेजी से रसायन आधारित फार्मास्युटिकल दवाओं से रसायन मुक्त फार्मास्युटिकल दवा निर्माण की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वनोपज भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सम्पदा है। वन विभाग को इन आधार पर अपनी सोच-समझ बढ़ाते हुए आगे बढऩा होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है लेकिन क्या हम बदल रहे हैं ये बड़ा सवाल है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश में और नेशनल पार्क की आवश्यकता है। उन्होंने वन अधिकारियों के वित्तीय अधिकार कलेक्टरों के समान करने की भी बात कही। सिंघार ने कहा कि विवाद तब पैदा होते हैं जब किसान या आदिवासियों को उनका अधिकार नहीं मिलता, इससे विभाग की गलत छवि जाती है। इसे भी दूर करने की आवश्यकता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वनांचल संदेश, कैम्पिंग डेस्टिनेशन और वाईल्डलाईफ डेस्टिनेशन पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम में रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया।

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