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कमलनाथ ने कानून मंत्री के बयान पर लगाई मुहर, सुनील हत्याकांड की फिर होगी जांच

locationभोपालPublished: May 21, 2019 03:49:52 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को लेटर लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।

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कमलनाथ ने कानून मंत्री के बयान पर लगाई मुहर, सुनील हत्याकांड की फिर होगी जांच

भोपाल. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मध्यप्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा के बाद अब सीएम कमलनाथ ने भी सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर से खोलने पर मुहर लगा दी है। सीएम कमलनाथ ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा- विभाग के मंत्री ने अगर फाइल खोलने की बात कही है तो फाइल खोलकर हत्याकांड में साध्वी के भूमिका की जांच की जाएगी।

क्या कहा था पीसी शर्मा ने
प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि, सुनील जोशी हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच के लिए केस की फाइल फिर से खोली जाएगी। उन्होंने कहा, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जिस तरह महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है, शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा। इससे लगता है कि सुनील जोशी हत्याकांड पर दोबारा से जांच होनी चाहिए। फाइल बंद करने से पहले कलेक्टर को इसे कानून विभाग के पास भेजना चाहिए था जो कि नहीं हुआ। हम हमने फाइल मंगवाई है। हम उस पर लीगल ओपनियन लेंगे फिर आगे की उच्च अदालत में अपील करेंगे।

क्या है मामला
संघ प्रचारक सुनील जोशी की हत्या 29 दिसंबर, 2007 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना मध्यप्रदेश के देवास जिले में हुई थी। शुरुआती जांच में इस घटना के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया लेकिन राजस्थान से गिरफ्तार किए गए एक शख्स के बयानों के बाद प्रज्ञा ठाकुर और 7 अन्य लोगों को भी इस मामले में आरोपी बना लिया गया। हालांकि 1 फरवरी को 2017 को इन सभी के खिलाफ सबूत न मिलने पर आरोप मुक्त कर दिया गया था। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भी कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया था।

क्या ये कांग्रेस का बदला है ?
लोकसभा चुनाव के नजीते आने से पहले जो एग्जिट पोल आए हैं उनमें भाजपा को भारी बढ़त दिखाई गई है। एग्जिट पोल्स के आधार पर ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को लेटर लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग की है। बता दें कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार सरकार गिराने की बात कर रही है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर कहा था कि बसपा कांग्रेस के समर्थन पर फिर से विचार करेगी। जिसके बाद से माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश की सरकार संकट में है। मध्यपप्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन बहुमत से दूर है ऐसे में कांग्रेस को चार निर्दलीय और सपा-बसपा के 3 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है।
कमलनाथ ने कहा था फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
सीएम कमलनाथ ने भाजपा की मांग पर पलटवार करते हुए कहा था कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। पांच महीने में हम 4 बार फ्लोर टेस्ट दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस विधायकों पर पूरा भरोसा है। सीएम ने कहा- 10 विधायकों ने मुझे बताया कि पैसे और पद का लालच दिया जा रहा है।
क्या है मध्यप्रदेश का गणित
मध्यप्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें है। बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत है। भाजपा के पास 109, कांग्रेस के पास 114, बसपा के 2, सपा के 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं।
दिग्विजय के खिलाफ मैदान में हैं साध्वी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार हैं। साध्वी को भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।
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