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कांग्रेस प्रवक्ताओं को नाथ ने दिया हिदायत, कहा – पिछलग्गू नहीं एजेंडा सेट करने वाले बनो

locationभोपालPublished: Jul 28, 2018 09:00:50 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

कांग्रेस प्रवक्ताओं को नाथ ने दिया हिदायत, कहा – पिछलग्गू नहीं एजेंडा सेट करने वाले बनो

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कांग्रेस प्रवक्ताओं को नाथ ने दिया हिदायत, कहा – पिछलग्गू नहीं एजेंडा सेट करने वाले बनो

भोपाल. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ ने शुक्रवार को पहली बार प्रवक्ता, पैनलिस्ट और मीडिया से जुड़े कार्यकर्ताओं की बैठक ली। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है, इसलिए प्रवक्ताओं को सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला नहीं बल्कि एजेंडा सेट करने वाला बनना पड़ेगा।

एजेंडा सेट करने के लिए पीसीसी में रोजाना प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट की बैठक होगी। मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, इसलिए उन्होंने नई जिम्मेदारी संभाली है। 15 दिन तक मीडिया से जुड़े सभी लोगों की परफार्मेंस देखी जाएगी। जो ठीक से काम नहीं कर पाया, उससे मीडिया की जिम्मेदारी वापस ली जाएगी।

जनआशीर्वाद नहीं, कलाकारी यात्रा
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिसे सरकारी खर्चे पर निकाल रहे हैं वह जनआशीर्वाद नहीं, कलाकारी यात्रा है। वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं। शिवराज ने खुद की पिछड़ी जाति की बात छेडकऱ जनता की संवेदना बंटोरने की कोशिश की है।

कमलनाथ से मिले बुदनी के आदिवासी
बुदनी के आदिवासियों के दल ने कमलनाथ से आदिवासी उम्मीदवार उतारने की मांग की। दल ने कहा कि बुदनी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी वोटरों की संख्या निर्णायक स्थिति में है, इसलिए यहां क्षेत्र से आदिवासी उम्मीदवार उतारा गया तो परिणाम सकारात्मक हो सकता है।

मुस्लिमों की उपेक्षा की शिकायत
पीसीसी डेलीगेट अकबर बेग और सईद अहमद सुरुर ने कमलनाथ से कहा- एनएसयूआइ ने हर विधानसभा में चार-चार कार्यकर्ताओं को प्रतिनिधि बनाया है, लेकिन मुस्लिम बहुल इलाकों में अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी नहीं दी। पार्टी के 230 प्रवक्ताओं में सिर्फ छह मुस्लिम हैं, जबकि प्रदेश में नौ फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जो करीब 15 सीटों पर निर्णायक साबित होते हैं।

आवेदन नहीं कर रहे कांग्रेस के कई बड़े नेता

इधर, कांग्रेस विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांग रही है। पार्टी ने साफ कहा है कि निर्धारित समय के बाद आए आवेदनों पर विचार नहीं होगा। तीन हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं, लेकिन बड़े नेता आवेदन करने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने मैदान में डेरा जमा रखा है।

संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने पार्टी के सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव प्रत्याशी रहे नेताओं सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि वे पार्टी कार्यालय में सीधे आवेदन कर सकते हैं। इससे उलट पार्टी के दिग्गज नेताओं का कहना है कि टिकट किसे देना और किसे नहीं, यह पार्टी का निर्णय है। उन्होंने पहलं कभी आवेदन नहीं किया तो अब क्यों करेंगे।

हो चुका है स्क्रीनिंग का एक दौर
पार्टी में स्क्रीनिंग का एक दौर भी हो चुका है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने चुनाव के इच्छुक लोगों से दो दिन तक मुलाकात की थी। लोगों के आवेदन भी लिए।

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