इसके अलावा किसानों को विदेश भेजकर खेती की ट्रेनिंग देने वाली योजना को भी बंद किया जा रहा है। कृषि मंत्री सचिन यादव का तर्क है कि इस योजना के नाम पर भाजपा के मंत्रियों ने अपने परिजनों को विदेश में घुमाया है। इतना ही नहीं विधायक, कार्यकर्ता और संघ के पदाधिकारी भी किसान बनकर विदेश यात्रा कर आए।
मंत्री यादव ने बताया कि हमारी सरकार किसानों को खेती का हाईटेक प्रशिक्षण देने के लिए विदेश से एक्सपर्ट बुलवाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके। भावांतर योजना शुरु होने से ही विवादित रही है। इस योजना को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर विधानसभा में खूब सवाल उठाए हैं। तत्कालीन शिवराज सरकार ने किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए ये योजना शुरु की थी, जिसमें फसल के बाजार भाव और समर्थन मूल्य का अंतर उसके खाते में डाला जाता था। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की वजह ये भी मानी गई थी कि किसानों को इस योजना का फायदा दिलाने में सरकार नाकाम साबित हुई।
किसानों को विदेश भेजने के नाम पर अपनों को भेजा :
शिवराज सरकार की किसानों को विदेश भेजकर उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिलाने की योजना भी प्रदेश सरकार बंद कर रही है। ये योजना भी कई बार विवादों में आ चुकी है। सचिन यादव का कहना है कि ये योजना किसानों के नाम पर भाजपा नेताओं को विदेश में सैर सपाटा कराने का जरिया बन गई थी। पूर्व उद्यानिकी मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा ने बेटे और परिजनों को इस योजना के नाम पर विदेश यात्रा कराई थी। मंत्री यादव ने कहा कि किसानों को उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिया जाएगा लेकिन इसका तरीका बदल दिया जाएगा। विदेशी विशेषज्ञों को प्रदेश में बुलाकर विकास केंद्र तक किसानों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।
शिवराज सरकार की किसानों को विदेश भेजकर उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिलाने की योजना भी प्रदेश सरकार बंद कर रही है। ये योजना भी कई बार विवादों में आ चुकी है। सचिन यादव का कहना है कि ये योजना किसानों के नाम पर भाजपा नेताओं को विदेश में सैर सपाटा कराने का जरिया बन गई थी। पूर्व उद्यानिकी मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा ने बेटे और परिजनों को इस योजना के नाम पर विदेश यात्रा कराई थी। मंत्री यादव ने कहा कि किसानों को उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिया जाएगा लेकिन इसका तरीका बदल दिया जाएगा। विदेशी विशेषज्ञों को प्रदेश में बुलाकर विकास केंद्र तक किसानों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।