क्या लिखा है लेटर में?
कमलनाथ ने लेटर में लिखा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के कर्जमाफी पर काम शुरू कर दिया था। मैंने मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को पदभार ग्रहण करते ही पहले आदेश के रूप में किसानों के 2 लाख तक के फसल ऋण माफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए। उसके बाद हमने कर्जमाफी की प्रक्रिया को प्रारंभ किया।
कमलनाथ ने लेटर में लिखा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के कर्जमाफी पर काम शुरू कर दिया था। मैंने मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को पदभार ग्रहण करते ही पहले आदेश के रूप में किसानों के 2 लाख तक के फसल ऋण माफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए। उसके बाद हमने कर्जमाफी की प्रक्रिया को प्रारंभ किया।
प्रमाण पत्र भी बांटे
कमलनाथ ने लेटर में लिखा है, 22 फरवरी, 2019 से हमने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र किसान भाइयों को बांटना शुरू किया। 10 मार्च को आचार संहिता लगने तक हमने 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए। आचार संहिता में किसानों की कर्जमाफी के लिए हमने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है अनुमति मिलने के बाद 4.83 लाख किसानों के खातों में राशि जमा की जाएगी।
कमलनाथ ने लेटर में लिखा है, 22 फरवरी, 2019 से हमने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र किसान भाइयों को बांटना शुरू किया। 10 मार्च को आचार संहिता लगने तक हमने 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए। आचार संहिता में किसानों की कर्जमाफी के लिए हमने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है अनुमति मिलने के बाद 4.83 लाख किसानों के खातों में राशि जमा की जाएगी।
आपने किसानों को किया गुमराह
कमलनाथ ने कहा- आपने चुनावों को देखते हुए कर्जमाफी को लेकर किसान भाइयों को निरंतर गुमराह करने के पकिया और कर्जमाफी को दुष्प्रचारित किया। आप राजनैतिक कारण से कर्जमाफी की सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस के प्रतिनिधि आपसे मिलकर आपको 21 लाख किसानों के कर्जमाफी का प्रमाण भी दे चुके हैं, अब चुनाव समाप्त हो गए हैं तो आप भी सच्चाई स्वीकार कर लीजिए।
नेता प्रतिपक्ष को भी लिखा लेटर
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को भी लेटर लिखा है। उन्होंने ये लेटर भोपाल भार्गव के उस लेटर में लिखा है जिसमें गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। कमलनाथ ने कहा- आप चुनावी व्यस्तता में सरकार के काम को नहीं देख पाए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने तथ्यों की सही जानकारी प्राप्त किये बगैर ही महज अनुमान और कल्पना के आधार पर ही राज्यपाल महोदया को पत्र लिख डाला।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को भी लेटर लिखा है। उन्होंने ये लेटर भोपाल भार्गव के उस लेटर में लिखा है जिसमें गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। कमलनाथ ने कहा- आप चुनावी व्यस्तता में सरकार के काम को नहीं देख पाए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने तथ्यों की सही जानकारी प्राप्त किये बगैर ही महज अनुमान और कल्पना के आधार पर ही राज्यपाल महोदया को पत्र लिख डाला।