शैलेष सिंह का कहना है कि दिसंबर में मेरी बेटी की शादी है। मैं उसकी तैयारियों में लगा हुआ हूं। मैंने कभी नहीं कहा कि मैं मुंबई या कहीं और जाना चाहता हूं। मुझे जानबूझकर भेजा जा रहा है। मैंने मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों को बता दिया है। मेरा तबादला डीजीपी को निरस्त करना ही पड़ेगा। मैं मुंबई नहीं जाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को भी देंगे।
शैलेष सिंह को मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी अफसरों में शुमार किया जाता है। वह न केवल छिंदवाडा में पदस्थ रहे हैं, बल्कि उन्हें पिछले काफी समय से कमलनाथ के खेमे का ही अफसर माना जाता है। ऐसे में सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर बिना मुख्यमंत्री की मर्जी के क्या उनके करीबी अफसर का तबादला किया गया है?
दरअसल, मंगलवार को गृह मंत्रालय की तरफ से कई पुलिस अफसरों के तबादले की सूची जारी की गई थी। जिसमें हनीट्रैप मामले की जांच कर रहे एसआईटी चीफ भी बदल दिए गए थे। इसी के साथ एडीजी शैलेष कुमार सिंह के तबादले की भी अधिसूचना जारी हुई थी।