बैठक के बाद सब यही कहते दिखे सरकार पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन कमलनाथ बैठक के दौरान मंत्रियों को जो काम दिया है। उससे तो यही लगता है कि डर तो है। क्योंकि कमलनाथ भी यह कह चुके हैं कि हमारे विधायकों को पद और प्रलोभन के ऑफर मिल रहे हैं। लेकिन वो सब हमारे साथ हैं।
रविवार को मंत्रियों के साथ बैठक में सीएम कमलनाथ ने उन्हें अपने विधायकों को संभाले रखने की जिम्मेदारी दी है। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि प्रत्येक मंत्री पांच-पांच विधायकों को संभाले। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर बताकर छवि खराब करने की कोशिश करेगी। जनता को बताना है कि सरकार स्थिर है और बेहतर काम करेगी।
बैठक के दौरान मंत्रियों से कमलनाथ ने यह भी पूछा कि किसान कर्जमाफी का फायदा क्यों नहीं हुआ। जवाब आया कि जनता ने मोदी और राष्ट्रवाद के आगे कुछ नहीं देखा। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि उन्हें मंत्री न बनने की पीड़ा है। उन्होंने चुटकी लेते हुआ कहा कि हम बीस विधायक भाजपा के संपर्क में हैं, लेकिन हम पार्टी से धोखा नहीं करेंगे। जब भी जाएंगे बताकर जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया ने भी कहा कि भाजपा सरकार में आने के लिए छटपटा रही है और विधायकों को प्रलोभन देने की साजिश कर रही है।
इसके अलावे पुत्रमोह वाली बात पर सफाई देते हुए सीएम ने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं कही है। कांग्रेस बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट करने जा रही है। मैंने प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के लिए विधानसभा चुनाव के बाद ही कह दिया था।
वहीं, कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों पर पिछले दिनों पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा था कि हम किसी की सरकार गिराने का काम नहीं करते। कांग्रेस की सरकार खुद ही अंतर्कलह से गिर जाएगी। पार्टी के अंदर बहुत ही नाराजगी है।