दुबे ने आयोग को आवेदन देकर कहा था कि निर्वाचक नामावली तैयार करने में की गई गड़बडिय़ों की शिकायत उन्होंने 23 अगस्त को सतना-रीवा के कलेक्टरों से की थी, लेकिन उन्होंने बिना बात सुने शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया।
दुबे का आरोप है कि दोनों जिलों के वेंडर आद्या इंटरप्राइजेज को निर्वाचन नामावली का काम दिया गया था, लेकिन उसने कोई काम नहीं किया और प्रशासन ने कंपनी के फर्जी बिलों पर भुगतान भी कर दिया।
दुबे ने कहा, उन्होंने जीएसटी बिलों की जानकारी मांगी थी लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई। इनसे पता लगाया जा सकता था कि वेंडर ने कच्चा माल किन-किन कंपनियों से खरीदा था। फर्म का रजिस्ट्रेशन भी पश्चिम बंगाल का है, जिसके संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
दुबे ने यह भी कहा कि इन फर्म के कर्मचारी कलेक्टर के निजी स्टाफ और जिलों में निर्वाचन का काम भी देखते थे, इससे कई मामलों की जानकारी कलेक्टरों तक पहुंचने भी नहीं देते थे।
उन्होंने शिकायत में यह भी कहा कि रीवा जिले की निर्वाचन शाखा के कर्मचारियों के रिश्तेदारों को निजी वेंडर द्वारा काम रखा गया था, जिसके चलते वेंडर के कर्मचारियों की सूची न तो सार्वजनिक की और न ही उनकी सेवाओं से संबंधित अन्य तकनीकी बिन्दुओं की जांच की है।
इधर, कमलनाथ के भाजपा की सीट पर चुनाव लडऩे की रणनीति… वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ सिवनी से उपचुनाव लड़ सकते हैं। वे भाजपा की सीट से चुनाव लडऩे की रणनीति पर काम कर रहे हैं जिससे कांग्रेस की एक सीट में इजाफा हो सके। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सिवनी से भाजपा विधायक दिनेश राय (मुनमुन) के संपर्क में है।
मुनमुन के कमलनाथ से करीबी रिश्ते माने जाते हैं, जिसके चलते ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सीट छोडऩे पर उन्हें किसी निगम-मंडल में कुर्सी दी जा सकती है। मुनमुन ने राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस का साथ दिया था।
दरअसल, तब विवेक तन्खा को राज्यसभा चुनाव में जिताने का जिम्मा कमलनाथ ने लिया था और मुनमुन ने उस समय तन्खा के पक्ष में वोट किया था। हालांकि मुनमुन कहते हैं कि वे जनता से गद्दारी नहीं करेंगे, उन्हें क्षेत्र का विकास करना है।
सौंसर दूसरी पसंद
छिंदवाड़ा की सौंसर सीट कमलनाथ के लिए दूसरी पसंद मानी जा रही है। यहां से विजय चौरे कांग्रेस के विधायक हैं। उनकी जीत का अंतर 20 हजार रहा है, जबकि छिंदवाड़ा से 14 हजार और चौरई सीट से 13 हजार वोट के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं।
छिंदवाड़ा की सौंसर सीट कमलनाथ के लिए दूसरी पसंद मानी जा रही है। यहां से विजय चौरे कांग्रेस के विधायक हैं। उनकी जीत का अंतर 20 हजार रहा है, जबकि छिंदवाड़ा से 14 हजार और चौरई सीट से 13 हजार वोट के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं।
यहां मंदिर-मस्जिद के पास से हटाए जाएंगे मतदान केंद्र …
वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थलों के पास से मतदान केन्द्र हटाए जाएंगे। ऐसा राजनीतिक दलों की आपत्ति के बाद किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थलों के पास से मतदान केन्द्र हटाए जाएंगे। ऐसा राजनीतिक दलों की आपत्ति के बाद किया जा रहा है।
जिलों में नए मतदान केन्द्र बनाने के लिए मैपिंग की जा रही है, अब एक भवन में दो से अधिक मतदान केन्द्र नहीं बनाए जाएंगे। चुनाव आयोग का मानना है कि एक भवन में दो से ज्यादा केन्द्र होने से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बनती है।
ग्रामीण मतदाताओं की सुविधा के लिए एक से आधे किलोमीटर की दूरी पर केन्द्र बनाए जाने की भी योजना है। अनुमान है कि लोस चुनाव में 5 से 10 लाख नए मतदाताओं के नाम जुड़ेंगे। इसलिए विधानसभा की तुलना में लोस चुनाव में केन्द्रों की संख्या दस फीसदी बढ़ाई जाएगी।
छह मतदान केन्द्रों पर नहीं पड़े एक भी वोट…
विधानसभा चुनाव में 6 मतदान केन्द्र ऐसे थे, जिनमें एक भी वोट नहीं डाला गया है। अब चुनाव आयोग इन मतदान केन्द्रों को भी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में है।
विधानसभा चुनाव में 6 मतदान केन्द्र ऐसे थे, जिनमें एक भी वोट नहीं डाला गया है। अब चुनाव आयोग इन मतदान केन्द्रों को भी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में है।