सिंधिया ने कहा किसानों को चिंता करने की जरुरत नहीं है, मैं उनके हित के लिए सदैव लड़ा हूं और जिंदगी की आखरी सांस तक लड़ता रहूंगा। सिंधिया ने कहा कि
सरकार की जिम्मेदारी है कि संकट के समय में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहे। इस सरकार की पहली जिम्मेदारी प्रदेश के अन्नदाताओं के प्रति है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी कहा है कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को राजस्व विभाग के नियमानुसार आठ से लेकर 30 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए। राजस्व विभाग के साथ ही जिन बीमा कंपनियों ने अन्नदाताओं के खातों से बीमा के पैसे काटे हैं उन बीमा कंपनियों से भी मुआवजा राशि किसानों को मिलनी चाहिए।
सरकार की जिम्मेदारी है कि संकट के समय में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहे। इस सरकार की पहली जिम्मेदारी प्रदेश के अन्नदाताओं के प्रति है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी कहा है कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को राजस्व विभाग के नियमानुसार आठ से लेकर 30 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए। राजस्व विभाग के साथ ही जिन बीमा कंपनियों ने अन्नदाताओं के खातों से बीमा के पैसे काटे हैं उन बीमा कंपनियों से भी मुआवजा राशि किसानों को मिलनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपने वचनपत्र में किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था. कमलनाथ ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही एक घंटे के भीतर किसान कर्जमाफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस योजना की प्रक्रिया शुरू हुई और किसानों से तीन रंग के अलग-अलग फॉर्म भरवाए गए। सरकार ने 55 लाख किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा चुकी है। हालांकि एमपी सरकार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि अब तक 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। इन किसानों के कर्ज की 7000 करोड़ की राशि माफ की गई है।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा चुकी है। हालांकि एमपी सरकार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि अब तक 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। इन किसानों के कर्ज की 7000 करोड़ की राशि माफ की गई है।