बीपी की सदस्यता पर सवाल राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह की सदस्यता को लेकर सवाल उठ गए हैं। चर्चा है कि निर्वाचन आयोग की भूमिका निष्पक्ष होती है। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी भूमिका चुनाव में सीधे तौर पर महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इसके बाद नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव होना है। ऐसे में सरकार के साथ आयुक्त के जुड़े होने पर निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता कटघरे में आ जाएगी।
क्यों पड़ी जरूरत…
दरअसल, सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के मौजूदा कार्यप्रणाली वाले सेंटर से सहमत नहीं थे। कमलनाथ का मानना है कि पूर्व सीएम चुनिंदा अफसरों की सलाह पर काम करते थे। केवल सुशासन संस्थान की सलाह से भी सहमति नहीं बन रही थी। इसलिए कमलनाथ ने अलग से एक थिंक टैंक तैयार करना तय किया। इसके तहत ही इस काउंसिल का गठन किया गया है। आगामी चुनाव के समय प्रशासनिक अधिकारियों का विजन कांग्रेस के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
दरअसल, सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के मौजूदा कार्यप्रणाली वाले सेंटर से सहमत नहीं थे। कमलनाथ का मानना है कि पूर्व सीएम चुनिंदा अफसरों की सलाह पर काम करते थे। केवल सुशासन संस्थान की सलाह से भी सहमति नहीं बन रही थी। इसलिए कमलनाथ ने अलग से एक थिंक टैंक तैयार करना तय किया। इसके तहत ही इस काउंसिल का गठन किया गया है। आगामी चुनाव के समय प्रशासनिक अधिकारियों का विजन कांग्रेस के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।