पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि, 'प्रदेश की आम जनता को रोज नए संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राय होने लगे हैं। जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है। आगे हालात और भी भयावह होने का भय है।'
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किसानों पर चौथी मार- कमलनाथप्रदेश की आम जनता को रोज नए संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राय होने लगे हैं। जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है। आगे हालात और भी भयावह होने का भय है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 14, 2022
हमेशा की तरह संकट के आ जाने के बाद शिवराज सरकार नाटक नौटंकी करेगी।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 14, 2022
मैं प्रदेश की शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि समय रहते तत्काल पेट्रोल डीजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने आगे ये भी लिखा कि, 'पूर्व से ही खाद, बीज और बिजली संकट की तीन तरफा मार झेल रहे किसान भाई अब डीजल की कमी की चौथी मार भी झेलने को मजबूर हैं, यदि हालात यही रहे तो प्रदेश की आम जनता के समक्ष सार्वजनिक परिवहन और आपूर्ति का भयावह संकट खड़ा हो जाएगा।' उन्होंने आगे ये भी लिखा कि, 'हमेशा की तरह संकट के आ जाने के बाद शिवराज सरकार नाटक नौटंकी करेगी। मैं प्रदेश की शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि समय रहते तत्काल पेट्रोल डीजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।'
प्रदेश में ड्राय होने लगे पेट्रोल पंप
राजस्थान में मचे पेट्रोल-डीजल पर हाहाकार के बाद मध्य प्रदेश में भी पेट्रोल-डीजल संकट के मामले सामने आने लगे हैं। यही वजह है कि, राजधानी भोपाल समेत कई जिलों के अधिकांश पेट्रोल पंप ड्राई होने की कगार पर आ गए हैं। बात करें भोपाल की ही तो शहर के रायसेन रोड के इंद्रपुरी इलाके में स्थित पंप पर पेट्रोल खत्म हो चुका है। पंप संचालक की मानें तो उनके पास डीजल भी कुछ घंटों के हिसाब का शेष है।
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तेल कंपनियों ने घटाई 40% सप्लाई
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत देशभर में ये हालात इसलिए बन रहे हैं क्योंकि, तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई 40 फीसदी तक घटा दी है। इससे मध्य प्रदेश में बने चुनावी मौसम के बीच ईंधन की भारी किल्लत के आसार बनने लगे हैं। वहीं, प्रदेश का अधिकतर किसान बोवनी की तैयारियों में लग रहा है। अगर समय रहते इस समस्या से निजात नहीं पाई गई तो इसका असर फसलों और उससे रोजमर्रा के राशन तक पर आ सकता है।
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
वहीं मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि, तेल कंपनियां मांग के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं कर रहीं हैं। अगर यही स्थितियां रहीं तो आगामी दिनों में लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
सूखने की कगार पर प्रदेश के 4000 पंप
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश में अभी करीब 4 हजार पेट्रोल पंप हैं। एक पेट्रोल पंप से औसत तीन हजार लीटर डीजल सप्लाई होती है, जबकि अभी प्रति पेट्रोल पंप 1200 लीटर डीजल की सप्लाई कम हो रही है। जानकारों की मानें तो अगर तत्काल ही इस समस्या का हल न निकाला गया तो जल्द ही सप्लाई और तेजी से घटेगी।
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