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इस ट्वीट को संभालकर रखना-15 अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजा रोहण करेंगे कमलनाथ

locationभोपालPublished: Mar 21, 2020 05:22:22 am

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

इस ट्वीट को सँभाल कर रखना- 15 अगस्त 2020 को कमलनाथ जी मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है।

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इस ट्वीट को संभालकर रखना-15 अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजा रोहण करेंगे कमलनाथ

भोपाल/ शुक्रवार को कमलनाथ के मुख्यमंभी पद से इस्तीफे के बाद ऐसा लगने लगा था कि, अब कहीं जाकर मध्य प्रदेश में आया सियासी भूचाल थम जाएगा। लेकिन, कमलनाथ को इस्तीफा दिये अभी आठ घंटे ही बीते थे कि, मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी हुए एक ट्वीट ने एक बार फिर सूबे में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। ट्वीट जारी होते ही काफी तेजी से वायरल होने लगा, जिसके माध्यम से कहा गया है कि, इस ट्वीट को संभाल कर रखना- क्योंकि, ’15 अगस्त 2020 को कमलनाथ जी मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है।’ ट्वीट जारी होने के कुछ ही देर में इतनी तेजी से वायरल हुआ कि, इसे हजारों लोगों ने री ट्वीट किया है।

 

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बीजेपी के जश्न के बीच हड़कंप

एक तरफ कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बीजेपी ने तुंरत ही शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया। तो शिवराज समेत पार्टी के आला नेताओं के घर से लेकर सोशल मीडिया तक बधाइयां देने वालों की होड़ मच गई। तो वहीं राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी बीजेपी कार्यालयों में बीजेपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता जश्न मनाते देखे जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से इस ट्वीट के जारी होने के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया है। खेमे में अलग अलग तरह की सुगबुगाहटों का दौर चल पड़ा है।

https://twitter.com/INCMP/status/1241019257837604864?ref_src=twsrc%5Etfw

ट्वीट में किया गया है फिर सत्ता वापसी का दावा

मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से जारी इस ट्वीट में कमलनाथ सरकार की एक बार फिर वापसी का दावा किया है और तारीख के साथ बताया है कि, इतने समय में कमलनाथ एक बार फिर सीएम के तौर पर मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करेंगे। राजनीतिक जानकार इस ट्वीट को उपचुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि, अगर राज्य में उपचुनाव होते हैं, तो इस बार कांग्रेस से बागी होकर इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों को उन्हीं की सीट से बीजेपी को एक बार फिर टिकट देना होगा, लेकिन इसमें बीजेपी के मौजूदा उम्मीदवारों की नाराजगी बढ़ेगी, जिसका लाभ कांग्रेस को होने की संभावना है।

 

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भ्रष्टाचार मुक्त रही 15 माह की सरकार- कमलनाथ

राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंपने से पहले कमलनाथ ने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने अपनी पंद्रह महीने की सरकार के कार्यकाल के कामकाज की जानकारी दी। साथ ही ये भी कहा कि, इन सभी कामों में भाजपा हमेशा अड़ंगे लगाती रही। कमलनाथ ने दावा किया कि, उनके कार्यकाल में कभी भी उनपर या उनके विधायकों पर किसी तरह का भ्रष्टाचार से संबंधित आरोप नहीं लगा। उन्होंने कहा कि, उनके सांसद कार्यकाल में भी कभी उनपर भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई आरोप नहीं लगा। उन्होंने जीवनभर साफ सुथरी राजनीति की, जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में ऐसे आरोप कई बार सीएम की कुर्सी तक भी आए।

 

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इस्तीफा देने से पहले कमलनाथ ने भी दिये थे संकेत

कमलनाथ ने 11 दिसंबर 2018 का जिक्र करते हुए कहा कि, जबसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई तभी से भाजपा ने विपक्ष में रहकर सिर्फ सरकार गिराने की ही रणनीति बनाई। इसका जिक्र उनके कई बड़े छोटे नेता मंचों और मीडिया के सामने कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि, इसी मंसूबे के तहत भाजपा ने करोड़ों रुपये का प्रलोभन देकर कांग्रेस के 22 विधायकों को बहकाया, जिसकी वजह से हम अल्पमत में आए और आज मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है। हालांकि, कमलनाथ ने ये भी कहा कि, लेकिन बुरी ताकतों को ये समझ लेना चाहिए कि, आज के बाद कल भी आना है और कल के बाद परसों भी और इस बात से आश्वस्त रहिए कि, जनता के हित के लिए परसों जरूर आएगा।

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