भोपाल

स्थायी कर्मी परिवार सहित करेंगे चुनावों में भाजपा का बहिष्कार!

नीलम पार्क में धरना, प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों की सरकार को चेतावनी – नियमितीकरण, अनुकंपा नियुक्ति, सरकारी सुविधा सहित अन्य मांगों को लेकर जताया रो

भोपालSep 20, 2018 / 10:32 am

प्रवीण सावरकर

कर्मचारी, शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, राजकीय वाहन चालक महासंघ, उत्तरप्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ, उत्तर प्रदेश सरकार स्टेनोग्राफर्स महासंघ और उ.प्र. साख्यिकीय सेवा परिसंघ के नेताओं ने लिखित रूप से इस आन्दोलन और मंच में अपनी सहमति जताई है जबकि राज्य कर्मचारी महासंघ को भी इस आन्दोलन में शामिल होने का न्यौता दिया गया है।

भोपाल नियमितीकरण, नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं, अनुकंपा नियुक्ति, चिकित्सा अवकाश सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए स्थायीकर्मियों ने नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन किया और मांगे पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया।

धरना दे रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर शीघ्र ही उनकी मांगे सरकार ने पूरी नहीं की, तो आने वाले विधानसभा चुनावों में स्थायी कर्मी और उनके परिवार के लोग भाजपा का बहिष्कार करेंगे। धरना प्रदर्शन के साथ कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रांताध्यक्ष शारदा सिंह परिहार ने बताया कि २५ से ३० साल की सेवा के बाद भी स्थायीकर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है।

उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा दैवेभो कर्मियों को स्थायीकर्मी बनाकर उनके साथ धोखा किया जा रहा है। इसके कारण कर्मचारियों में काफी रोष है, हम बार-बार सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। वेतन, सुविधाएं नहीं मिलने के कारण महंगाई के दौर में कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इसलिए अब हमने निर्णय लिया है कि अगर सरकार हमारी मांगों की अनदेखी करती है, तो हम आने वाले चुनावों में भाजपा को सबक सिखाएंगे। इस मौके पर राजेश्वर सोनी, राजकुमार सिंह बघेल, सुनील वाजपेयी, अनिल शर्मा सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे। दोपहर में सभा के बाद कर्मचारी यहां से रैली के रूप में ज्ञापन सौपने वल्लभ भवन जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।

प्रशासन का कहना था कि वे यहां मौके पर उपस्थित अधिकारी को ही ज्ञापन सौप दे, लेकिन कर्मचारी वल्लभ भवन जाने की जिद पर अड़े थे। बाद में संघ के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएस कार्यालय में ज्ञापन सौपने जाने पर सहमति बनी। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने सीएस कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौपा।

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