पंडित जी बताते है कि करवाचौथ के व्रत में छलनी का बेहद महत्व है। इस दिन पूजा की थाली में छलनी को जरूर रखा जाता है। करवा चौथ की रात महिलाएं अपना व्रत पति को इसी छलनी में से देखकर पूरा करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना भी करती हैं। सभी सुहागिन महिलाएं इस छलनी में पहले दीपक रखकर चांद को देखती हैं और फिर अपने पति को देखती है लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है। जानिए क्या है इसके पीचे की वजह….
पंडित जी बताते है कि हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है। चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं। यहीं कारण है कि सुहागिन महिलाएं चांद को देखकर भगवान से प्रार्थना करती हैं कि उनके पति में भी इन सभी गुणों को समाहित किया जाए। साथ ही पति-पत्नी एक दसरे के दोष को छानकार सिर्फ गुणों को देखें जिससे उनका दाम्पत्य रिश्ता प्यार और विश्वास की मजबूत डोर के साथ हमेशा बंधा रहे।
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त-
करवा चौथ पूजा मुहूर्त- सायंकाल 6:37- रात्रि 8:00 तक चंद्रोदय-
सायंकाल 7:55 चतुर्थी तिथि आरंभ- 18:37
(27 अक्टूबर) चतुर्थी तिथि समाप्त- 16:54 (28 अक्टूबर)