बैठक वेज रिवीजन के मुद्दे को लेकर बुलाई गई थी, लेकिन अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। वेज रिवीजन के मुद्दे को लेकर जुलाई महीने में फिर से दो दिवसीय बैठक दिल्ली में होगी। ज्वाइंट कमेटी की बैठक में ऑल इंडिया भेल एम्प्लाईज यूनियन की तरफ से केंद्रीय महासचिव एन जयंती, केन्द्रीय अध्यक्ष व भोपाल इकाई महासचिव रामनारायण गिरी और दिल्ली कॉर्पोरेट ऑफिस से यूनियन के महासचिव सुधांशु बिस्वाल शामिल हुए।
वेज रिवीजन के लिए एक महीने का इंतजार
यूनियन लीडर रामनारायण गिरी ने बताया कि मीटिंग में मैनेजमेंट की तरफ से वेज रिवीजन पर सरकार की गाइड लाइन और कंपनी की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए 10 साल में वेज रिवीजन करने की बात कही गई। इस पर विभिन्न यूनियन के लीडर तर्क दिया कि मैनेजमेंट पहले यह बताए कि 5 साल और 10 साल में वेज रिवीजन करने से क्या फर्क पड़ता है।
इसके लाभ और हानि क्या है? यूनियनों की तरफ से ज्वाइंट कमेटी में लाभ और हानि जानने के बाद ही इस पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा। यूनियन की तरफ से यह भी कहा गया कि मेनेजमेंट दूसरी कंपनियों के पे रिवीजन भी दिखाए। इस पर मैनेजमेंट ने जबाव दिया कि हम डाटा कलेक्ट कर जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में दिल्ली में 2 दिवसीय एक मीटिंग आयोजित कर वार्ता करेंगे, जिसमें पहले दिन बोनस की वार्ता एवं दूसरा दिन वेज रिवीजन की चर्चा की जाएगी।
मरीजों को मिलेगी राहत
कस्तूरबा अस्पताल के लिए एक्शन प्लान बनेगा। रामनारायण गिरी ने बताया कि बैठक में सिर्फ यूनियन द्वारा प्रबंधन के सामने अनुकंपा नियुक्ति की पुरजोर आवाज उठाई है। जिसका यूनियनों के सेंट्रल लीडरों द्वारा भी समर्थन किया गया। बैठम में कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए का जीवन बीमा देने के साथ भेल भोपाल के कस्तूरबा अस्पताल की दयनीय स्थिति का मुद्दा उठाया गया।
बैठक में सीएमडी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति एवं जीवन बीमा के मुद्दे को गंभीर मानते हुए सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया। डीएमडी ने आश्वासन दिया कि कस्तूरबा हॉस्पिटल की समस्याओं के लिए लोकल प्रबंधन को एक्शन प्लान बना कर समाधान के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में यूनियन की तरफ से 2009 एवं उसके बाद के बेंच को 2.5 इंक्रीमेंट दिए जाने की मांग भी रखी गई।