कावेरी ने भोपाल में आयोजित 32वीं राष्ट्रीय कैनो स्प्रिंट प्रतियोगिता में पदकों का ढेर लगा दिया था. उन्होंने यहां पांच स्वर्ण, दो रजत व एक कांस्य सहित आठ पदक जीते. इस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें 24-27 मार्च को थाईलैंड में आयोजित होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई है।
कावेरी के पिता इंदिरा सागर डैम में मछली पकड़कर परिवार का भरण पोषण करते थे। यहीं पिता के साथ मछली पकड़ते हुए कावेरी भी कुशल तैराक बन गईं। उनके पिता पर हुआ कर्ज उतारने के लिए वे पिता के साथ मछली बेचने में सहयोग करने लगी। 2017 में मप्र खेल अकादमी के टैलेंट सर्च में कैनोइंग में कावेरी का चयन हो गया और उनकी किस्मत बदल गई।
कावेरी ने अपनी प्रतिभा और मेहनत के बलबूते मप्र को कई पदक दिलाए। वे पिछले तीन साल से नेशनल चैंपियन हैं। कावेरी टोक्यो ओलंपिक और एशियन खेलों के लिए भी क्वालीफाई कर चुकी हैं। पिछले साल जब उन्होंने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सात स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान रचा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 लाख रुपये की सम्मान निधि प्रदान की।
अब कावेरी एशियन चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहती हैं। वे कहती हैं कि भोपाल में प्रशिक्षण की विश्वस्तरीय सुविधाएं हैं जिससे मुझे नई दिशा मिली।