scriptखालिस्तानी आतंकी आर्मी सेंटर में घुस गए, राइफल लेकर चले गए और मध्यप्रदेश की पुलिस सोती रही! | Khalistani terrorist entered in madhya pradesh | Patrika News

खालिस्तानी आतंकी आर्मी सेंटर में घुस गए, राइफल लेकर चले गए और मध्यप्रदेश की पुलिस सोती रही!

locationभोपालPublished: Dec 10, 2019 03:30:21 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

सेना का पूर्व जवान हरप्रीत है खालिस्तान समर्थक, उसका साथी है खालिस्तानी आतंकी का बेटा

7_2.jpg
भोपाल/ आतंकियों के लिए मध्यप्रदेश की धरती सेफ जोन साबित हो रही है। सिमी के गढ़ मध्यप्रदेश से कई कुख्यात आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है। अब खालिस्तानी आतंकी भी मध्यप्रदेश में ठिकाना बना रहे हैं। पचमढ़ी आर्मी सेंटर से गायब इंसास राइफलों के तार खालिस्तानी समर्थक और आतंकियों से जुड़े हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या खालिस्तानी आतंकी भी यहां रह रहे हैं।

दरअसल, शुक्रवार की रात मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह और उसका साथी जग्गा जो खालिस्तानी आतंकी का पुत्र है। वह जबलपुर-अमरावती एक्सप्रेस से पिपरिया पहुंचा। उसके बाद टैक्सी से पचमढ़ी स्थित आर्मी प्रशिक्षण केंद्र पहुंचे। वहां से सुरक्षा में तैनात जवान के दो इंसास राइफल और बीस कारतूस लेकर फरार हो गए। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और मध्यप्रदेश की पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

ट्रेन से ले गए हथियार
पचमढ़ी से दोनों आराम से ट्रेन के जरिए घातक हथियारों को लेकर पंजाब के होशियारपुर पहुंच गए। लेकिन रास्ते में किसी को शक नहीं हुआ। हालांकि जांच एजेंसियों का यह भी कहना था कि यह जबलपुर के बाद रोड से भी जा सकते हैं। लेकिन जबलपुर-नई दिल्ली एक्सप्रेस पर चढ़ते हुए इनका सीसीटीवी वीडियो सामने आया था। घटना के बाद जब आरोपियों की पहचान हुई तो मध्यप्रदेश पुलिस और एटीएस की टीम होशियार पहुंची। वहां के मियाणी गांव से कोई लोगों को हिरासत में लिया।
कंबल में लपेटकर ले गए राइफल
पुलिस के अनुसार हरप्रीत और उसके साथी जगतार सिंह पचमढ़ी से कंपल में लपेटकर हथियार ले गए थे। वहीं, पुलिस जब हरप्रीत के घर पहुंची तो उसकी मां ने कहा कि वह अभी ड्यूटी पर है, पुलिस झूठ बोल रही है। इस मामले में हरप्रीत के दोस्त सोनू का भी नाम आ रहा है जो मियाणी का ही रहने वाला है।
क्या पहले से थी प्लानिंग
हरप्रीत ने पहले पचमढ़ी में आर्मी ट्रेनिंग ली थी। लेकिन बताया जा रहा है कि वह भी खालिस्तान का समर्थक है। ऐसे में सवाल है कि आखिर इंसास राइफल की चोरी के लिए क्या उसने पहले प्लानिंग की थी। या फिर दूसरे आतंकी संगठनों की तरह खालिस्तान समर्थक लोग भी मध्यप्रदेश में छिपे है। क्योंकि बिना प्लानिंग के यहां से हथियार लेकर जाना संभव नहीं है।
नाभा जेल ब्रेक का आरोपी भी छिपा था यहां
ऐसे में सवाल है कि क्या खालिस्तानी आतंकी मध्यप्रदेश को नया ठिकाना बना रहे हैं। क्या उनके मददगार मध्यप्रदेश में हैं, जिन तक एजेंसियों को पहुंचने की जरूरत है। ये सवाल इसलिए है कि पूर्व में मध्यप्रदेश में नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी की गिरफ्तारी यहां से हुई है। जनवरी 2017 में इंदौर से पुलिस ने कुलप्रीत सिंह देवल और उसके साथी सुनील कालरा को अपार्टमेंट के एक फ्लैट से पकड़ा था। इन पर पांच लाख रुपये का इनाम था। नाभा जेल ब्रेक का कनेक्शन भी खालिस्तानी आतंकियों से था।

कई आरोपी हुए हैं गिरफ्तार
मध्यप्रदेश से पूर्व में कई आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है। कुछ महीने पहले ही इंदौर से ही वर्धमान ब्लास्ट के आरोपी को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। वह कई वर्षों से इंदौर में छिपकर रह रहा था। लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो