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खटलापुरा घाट: विसर्जन की व्यवस्थाएं करने के लिए मिले सिर्फ 24 घंटे, हड़बड़ी में किए इंतजाम

locationभोपालPublished: Oct 08, 2019 09:36:11 am

Submitted by:

Amit Mishra

प्रतिमा विसर्जन: खटलापुरा घाट में सोमवार को दोपहर तक होती रही विसर्जन की तैयारियां

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भोपाल। गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस खटलापुरा घाट पर नाव दुर्घटना में 11 युवकों की जान चली गई थी, उसी घाट पर विसर्जन की तैयारियां करने के लिए प्रशासन को महज 24 घंटे का समय मिल सका। दरअसल, रविवार तक अधिकारी यहां विसर्जन नहीं होने का मानस बनाए हुए थे, लेकिन संस्थाओं की ओर से विरोध के बाद अनुमति देनी पड़ी। इसके बाद यहां तैयारियां शुरू हुई। हालांकि प्रेमपुरा घाट पर सोमवार से ही झूला प्लेटफार्म से प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। पत्रिका टीम सोमवार को विसर्जन के लिए विभिन्न घाटों पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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बोट स्टार्ट करने के लिए जूझते रहे कर्मी
इसी बीच होमगार्ड के पांच कर्मी मोटरबोट को पानी में उतारने की तैयारी कर रहे थे। पहले बोट उतारकर उस पर इंजन तो कस दिया गया, लेकिन इंजन स्टार्ट नहीं हुआ। इंजन से ऑयल लीक हो रहा था। पास ही मोटरबोट पर सवार सैनिकों ने मदद की तो करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद इंजन स्टार्ट कर लिया गया।


खटलापुरा: प्रतिमा विसर्जन का किया ट्रायल
सोमवार दोपहर को नगर निगम का टैंकर यहां घाट के किनारे बने विसर्जन कुंड में पानी भर रहा था। कुंड आधा भर गया तो निगमकर्मी एक ऑटो से कुछ गणेश प्रतिमाएं ले आए। अधिकारियों के सामने प्रतिमाओं के विसर्जन का ट्रायल करके देखा गया। पीडब्ल्यूडी की ओर से घाट के किनारे बैरीकेडिंग की जा रही थी।

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प्रेमपुरा घाट: प्लेटफार्म से होगा मूर्ति विसर्जन
पत्रिका टीम ने शाम 5 बजे सैर-सपाटा के पास स्थित प्रेमपुरा घाट का जायजा लिया। यहां बने कंट्रोल रूम में जिला प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी निगरानी करते नजर आए। इसके अलावा नगर निगम स्टाफ, डायल-100 समेत अन्य पुलिस बल भी मुस्तैद था।


100 मीटर पीछे ही रोक दिया
नगर निगम के झील प्रकोष्ठ प्रभारी संतोष गुप्ता कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। शाम 05.05 बजे जब रहवासियों का एक समूह मूर्ति विसर्जन करने आया तो वहां मौजूद स्टाफ ने उनके ट्रक को घाट से करीब 100 मीटर पीछे ही रोक दिया। इसके बाद झांकी के साथ आए लोगों ने ट्रक में ही पूजा-अर्चना की। इसके बाद निगम कर्मिर्यों ने मोर्चा संभाला और मूर्ति को झूला प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया। इसके बाद मूर्ति के साथ इस प्लेटफार्म पर खड़े हो गए। क्रेन ने इस प्लेटफार्म को धीरे-धीरे तालाब में उतारा गया और मूर्ति का विधि- विधान से पानी में विसर्जन किया।

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बैरागढ़: टोकन सिस्टम से विसर्जन
संत हिरदाराम नगर में इस बार दुर्गा प्रतिमा विसर्जन में छोटी और बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जन कुंड से 15 फीट दूर रोका जाएगा। महापौर आलोक शर्मा ने बैरागढ़ विसर्जन घाट का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस बार नगर निगम द्वारा संत नगर विसर्जन घाट पर टोकन दिए जाएंगे और इसके लिए विसर्जन घाट पर डिस्प्ले बोर्ड लगाये गए हैं। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

 

कमलापति घाट: पुलिस व निगमकर्मियों की मौजूदगी
कमलापति घाट पर बैरीकेडिंग की गई है। यहां पुलिस, नगर निगम के कर्मी और अस्थायी रूप से तैनात निजी एजेंसी के कर्मचारी सक्रिय दिखाई दिए। प्रशासनिक अधिकारी भी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे। यह घाट भी प्रमुख विसर्जन स्थल है, जहां अगले तीन दिनों तक विसर्जन चलेगा, ऐसे में इन्हीं व्यवस्थाओं को आखिरी प्रतिमा के विसर्जन तक बनाए रखना होगा।

विसर्जन को लेकर ऐसे रहेंगे सुरक्षा इंतजाम
विसर्जन और दशहरा के लिए जिला स्तरीय समन्वयक कक्ष बनाया, नोडल अफसर डिप्टी कलेक्टर जमील खान हैं।

हर विसर्जन घाटी की जिम्मेदारी एएसपी-सीएसपी के हाथ में, दो हजार पुलिसकर्मी संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था


कोई परेशानी हो तो डिप्टी कलेक्टर से 9425493825 पर करें संपर्क

 

 

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एक्सपर्ट ने कहा…
वाटर स्पोट्र्स एक्सपर्ट एवं ट्रेनर पुनीत चतुर्वेदी ने पत्रिका के साथ घाटों पर पहुंचकर व्यवस्थाओं को देखा और विसर्जन स्थल के मजबूत एवं कमजोर बिंदुओं के बारे में बताया।

 

दोनों घाटों पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान जो व्यवस्थाएं थी, उससे काफी बेहतर व्यवस्थाएं अब नजर आ रही हैं।


नावों से विसर्जन बंद करना खतरे को काफी हद तक रोक देने वाला कदम है। श्रद्धालुओं को पानी तक ही नहीं पहुंचने देने फैसला उचित है।

घाटों पर पीडब्ल्यूडी की ओर से जो बैरीकेडिंग की है, वह राजनैतिक कार्यक्रमों वाली है, जिसे व्यस्कों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जबकि दोनों घाटों पर सोमवार को बच्चे भी दिखे, हालांकि यह ज्वारे विसर्जन में आए थे लेकिन नजर चूकने पर छोटे बच्चे इन बैरीकेड्स के बीच से निकल सकते हैं।


समय कम मिला
एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि समय कम था, लेकिन घाट पर तेजी से सुरक्षा व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। प्रशासन के पास उपलब्ध सूची के अनुसार इस घाट पर लगभग 200 प्रतिमाएं विसर्जित की जाएंगी।

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