कर्जदार बने हुए हैं
ऐसे में बैंकों की नजर में ये किसान अभी भी कर्जदार बने हुए हैं। इसके चलते बैंक किसानों को न तो कर्ज देने से साफ तौर पर मना कर रहे हैं और ना ही उन्हें कर्ज मंजूर कर रहे हैं। जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना के तहत प्रदेश के 50 लाख किसानों का तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण माफ होना है।
इस योजना का लाभ मिलेगा
कांग्रेस ने अपने वचन के अनुसार सरकार बनने पर सबसे पहला फैसला किसानों की कर्जमाफी का लिया। किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ किए गए हैं। जिन किसानों का 31 मार्च 2018 तक एनपीए( कालातीत ऋण) था या 12 दिसंबर, 2018 तक जिन किसानों ने आंशिक या पूरा कर्ज पटा दिया था, उन किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
5 हजार करोड़ रूपए रखे गए थे
कांग्रेस सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 22,268 करोड का अनुपूरक बजट पेश किया था। इस बजट मेंं किसानों की कर्जमाफी के लिए 5 हजार करोड़ रूपए रखे गए थे। अधिकारियों को अंदाजा था कि इन पांच हजार करोड़ से वे प्राथमिक तौर पर लगभग 35 लाख किसानों को आंशिक रूप से कर्ज माफी से राहत दे पाएंगे।
लेकिन अभी तक 20 लाख किसानों तक ही ऋण मुक्ति के प्रमाण पत्र पहुंच पाए हैं। खाली खजाना होने के कारण सरकार बैंकों के खातों में पूरा पैसा नहीं डाल पा रही है।
पहले चरण के 4 लाख 83 किसान बाकी
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इसके बाद शासन ने लोकसभा चुनाव से पहले कर्जमाफी के पहले चरण में 25 लाख 81 हजार किसानों का कर्ज माफ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
खाते में राशि नहीं पहुंच पाई
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता प्रभावी होने से पहले तक शासन 20 लाख किसानों के बैंक खातों में कर्जमाफी की राशि डाल चुका था। चार लाख 83 हजार किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंच पाई थी। ये वो किसान थे जिनका कर्ज 50 हजार रुपए अथवा उससे कम लोन था।
50 हजार से ऊपर वाले किसानों का कर्ज माफ
दूसरे चरण में 50 हजार से दो लाख रुपए तक के किसानों का कर्ज माफ किया जाना था। इसकी प्रक्रिया चुनाव के बाद शुरू होनी है, लेकिन फिलहाल इसे सरकार कुछ दिन के लिए टालने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि इसकी मुख्य वजह बैंकों के पास पर्याप्त राशि नहीं होना बताया जा रहा है।
5 लाख किसानों को जमा करना पड़ेगा अंतर राशि
पांच लाख किसानों को पहले अंतर की राशि जमा करना पड़ेगी। क्योंकि इन किसानों पर दो लाख रुपए से अधिक का कर्ज है। जब तक दो लाख से ऊपर की राशि बैंकों में जमा नहीं करेंगे तब तक उनका कर्ज माफ नहीं होगा।
सरकार से 1213 करोड़ की लेनदारी
जिला सहकारी बैंकों की माली हालत खराब है। इन बैंकों को पूर्वकालिक शिवराज सरकार की करीब पांच योजनाओं के लिए 1213 करोड़ रुपए लेने थे, जो आज तक नहीं मिले हैं।
– समाधान ऋण योजना —- 399 करोड़ रूपए
– मध्य कालीन ऋण परिवर्तन योजना– (ए ) व्याज अनुदान में 84 करोड़ और (बी) समाधान लोन में 400 करोड़ रूपए
– जीरो प्रतिशत व्याज में 629 करोड़ रूपए
– मुख्यमंत्री सहायता में 100 करोड़ रूपए, यह योजना शिवराज सरकार ने जाते-जाते बंद कर दी थी।
सरकार के दावे —
जय किसान ऋण मुक्ति योजना में कुल 48.89 लाख खाता धारी हैं। जिसमें 32.64 लाख चालू ऋण खाता तथा 15.94 लाख एनपीए कालातीत ऋण खाते हैं। मई 2019 तक 9.72 लाख चालू खाते और 10. 25 लाख कालातीत खाते, कुल 19.97 लाख खातों के ऋण माफ किए गए हैं।
सभी किसानों को कृषि ऋण देने के निर्देश सभी सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों को दिए गए हैं। मेरे पास अभी तक ऐसी जानकारी नहीं आई हैं कि किसी बैंक अथवा समिति ने किसानों को लोन देने से मना किया है। किसानों को पात्रता के अनुसार ही खाद, बीज सहित कृषि लोन दिया जाता है।
अजीत केसरी प्रमुख सचिव सहकारिता