विभागों को आवंटित होने वाले बजट से कर्जमुक्त होंगे किसान
किसानों द्वारा बैंक से लिए गए इस कर्जें की अदायगी के लिए वित्त विभाग को करीब 47 हजार करोड़ की राशि का इंतेज़ाम करना होगा। जानकारी मिली है कि, राज्य सरकार ने इसकी पूर्ति के लिए शीत सत्र में पारित होने वाला अनुपूरक बजट में विभागों को आवंटित की जाने वाली राशि फिलहाल रोक दी है। इस शीत सत्र में पारित 22 हजार करोड़ राशि विभागों को आवंटित की जानी थी। लेकिन सरकार द्वारा लिये जाने वाले किसान कर्जमाफी के बड़े फैसले की पूर्ति के लिए अनुपूरक बजट की राशि विभागों को आवंटित नहीं की गई है। 22 फरवरी से किसानों के बैंक खातों में कर्ज माफी की रकम जमा होनी शुरु हो जाएगी। वित्त विभाग को हाईकमान से इस बात से साफ तौर पर निर्देश मिले हैं कि वह सभी विभागों के फंड रोक कर पहले किसानों के कर्जमाफी के लिए पर्याप्त रकम जुटाए।
ये कर्जदार किसान हैं घोषणा में शामिल
अनुपूरक बजट में 5000 करोड़ रुपए किसानों की कर्ज माफी के लिए रखे गए थे। और अधिक राशि का इंतजाम करने वित्त विभाग बजट सत्र के दौरान तीसरा अनुपूरक बजट पेश कर सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 25 लाख किसानों का कर्जमाफ करने का लक्ष्य तय किया है। इनमें वह किसान शामिल हैं जिन्होंने सहकारिता, कमर्शियल बैंक से आचार संहिता लागू होने से पहले कर्ज लिया था। सरकारी खजाने की चरमराती हालत भी अनुपूरक बजट के फंड को जारी नहीं करने के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है। सरकारी खजाना खाली होने के चलते सीएम नाथ ने भी जरूरी कामों पर खर्च करने के सख्त निर्देश जारी किये हैं। वित्त मंत्री तरूण भनोत के अनुसार, आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अनुपूरक बजट का फंड विभागों को आवंटित किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि, हर विभाग से उनके हर महीने के खर्च का रिकॉर्ड भी मांगा गया है।