पहला उपाय
सुबह जागने पर सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। हाथों को देखते समय यह मंत्र बोलना चाहिए- कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमूले सरस्वती, करमध्ये तू गोविंद प्रभाते कर दर्शनं। इस मंत्र से लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
मंत्र-
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्॥
दूसरा उपाय
पलंग से पैर नीचे रखते समय भूमि माता से क्षमा मांगें। भूमि भी देवी हैं, इन्हें पैर लगने से हमें दोष लगता है। इस दोष को दूर करने के लिए धरती माता से क्षमा मांगनी चाहिए।
तीसरा उपाय
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें। ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से ठीक पहले। अगर ये संभव ना हो तो ज्यादा से ज्यादा 6 से 7 बजे तक जरूर उठ जाना चाहिए। इससे धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य में भी लाभ होगा।
मंत्र
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे ममसुप्रभातम्॥
इस मंत्र का जाप करने से सभी देवी-देवता और नौ ग्रहों की कृपा मिलती है। इस मंत्र का अर्थ यह है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये सभी मेरे प्रातःकाल यानी सुबह को मंगलमय बनाएं।
चौथा उपाय
स्नान करते समय सभी तीर्थों का और सभी पवित्र नदियों के नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सभी तीर्थों में स्नान का पुण्य मिलता है।
पांचवां उपाय
घर के मंदिर में पूजा करनी आवश्यक है, तुलसी को जल चढ़ाएं, अगर संभव हो सके तो गाय को घास या रोटी खिलाएं।
छठा उपाय
स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य को तांबे के लोटे से चल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें।
सांतवां उपाय
घर से निकलने से पहले अपने माता-पिता का आर्शीवाद अवश्य लें। माता-पिता का आदर करने वाले लोगों को सभी देवी-देवताओं की कृपा मिलती है।