विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने किसानों के साथ खड़ी नजर आई। उनके दो लाख रुपए तक कर्ज माफ करने का एलान किया और सत्ता में आने के बाद पूरा किया जा रहा है। 50 हजार तक कर्म माफ कर दिए गए हैं अब अगली कड़ी में दो लाख तक कर्ज माफ किए जाना है। अब अगले साल पंचायत चुनाव होना है। इसलिए इन चुनावों के पहले ग्रामीणों पर फोकस किया है।
असल में राज्य सरकार लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि सरकार आमजन की है और लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में सेवाओं की गारंटी देना इसी की कड़ी माना जा रहा है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की अधिक शिकायतें सामने आती है कि सरकारी दफ्तरों में उनकी सुनवाई नहीं होती। अब सेवाओं की गारंटी होने के बाद से उनकी यह शिकायत दूर होने की संभावना है।
इन कामों की समयसीमा तय – मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत भुगतान, नलजल योजना के अंतर्गत नल कनेक्शन में नाम परिवर्तन या नल कनेक्शन बंद कराना, अतिरिक्त निर्माण कार्य के लिए अनुमति प्रदान किया जाना इत्यादि योजनाओं के लिए गारंटी तय की गई है। अधिसूचित की गई इन सेवाओं के तहत लाभ दिलाए जाने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि यदि सात दिन में सुनवाई नहीं होती तो वे जिला पंचायत के सीईओ को प्रथम अपील कर सकते हैं। इसका निराकरण 15 दिन में होगा। यानी यहां भी गारंटी है।