शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह मामला उठाते हुए कहा कि जिन राज्यों यह आरक्षण लागू है, वहां पता कर लें। मध्यप्रदेश सरकार की मंशा इसे लागू करने की नहीं है, इसलिए कैबिनेट कमेटी गठित किए जाने की बात कह रही है। 10 फीसदी आरक्षण को लेकर संविधान में संशोधन किया गया। अन्य राज्य इसे लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्यप्रदेश यहां के गरीब सवर्णों के साथ अन्याय कर रही है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार में क्या मतभेद हैं, उन्हें नहीं पता लेकिन सवर्ण गरीबों को उनका हक मिलना चाहिए। उनका समर्थन भाजपा के अन्य विधायकों ने भी किया। नरोत्तम मिश्रा तो गर्भगृह तक जा पहुंचे। वहां वे स्पीकर से न्याय की मांग करने लगे। इस पर स्पीकर ने कहा कि वे मंत्री को बाध्य नहीं कर सकते।
लोकसभा चुनाव के पहले मिले आरक्षण – विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि सरकार गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के मामले में आनाकानी कर रही है। कैबिनेट कमेटी गठित किए जाने का मतलब मामले को टालना है। इसलिए लोकसभा चुनाव आचार संहिता के पहले गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए। आरक्षण का मामला बुधवार को भी सदन में उठा था। उस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट कमेटी गठित करने की बात कही थी। गरुवार को संसदीय कार्यमंत्री ने भी ऐसा ही जबाव दिया।