बड़ा तालाब से जलापूर्ति वाले क्षेत्रों में नई लाइन बिछाने में गड़बड़ी की। इसकी लेवलिंग के साथ अन्य उपकरण खराब गुणवत्ता के लगाए गए। जब भी लाइन में पानी छोड़ा जाता लीकेज हो जाता। बड़ा तालाब के पानी को फिल्टर करने वाले प्लांट व संपवेल में कोलार का पानी डालकर इसे ओवरहेड टैंक तक पहुंचाने की लाइन भी गड़बड़ है। इस स्थिति ये 90 किमी की लाइन बदलने की आशंका बन रही है। शहर की 40 फीसदी आबादी पानी के लिए बड़ा तालाब पर निर्भर है। अभी 24 एमजीडी पानी लिया जा रहा है। अप्रैल-मई तक ही लिया जा सकेगा। कोलार का पानी यदि बड़ा तालाब के पानी को रिप्लेस नहीं करता है तो फिर पांच लाख लोगों के सामने अप्रैल-मई में जलसंकट बड़ी परेशानी बनेगा।
प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल ने मंगलवार को जलकार्य की समीक्षा बैठक की। निगमायुक्त बी. विजय दत्ता इसमें उपस्थित रहे। यहां कोलार डेम से बिछाई जा रही समानांतर लाइन, निगम सीमा में जुड़े नए क्षेत्रों में 200 किमी की नई लाइन के साथ ही केरवा से कोलार को पानी देने के प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन हुआ। बड़ा तालाब से पानी की कटौती करने व यहां कोलार से पानी देने पर चर्चा की गई। पीएस अग्रवाल ने नए प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने व शहर में बारिश तक जलापूर्ति सुचारू रखने के निर्देश दिए।
पानी पर विशेष बैठक की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर ने परिषद अध्यक्ष सुरजीतसिंह को पत्र लिखा। सिंह ने निगमायुक्त को नियमानुसार कार्रवाई करने का पत्र लिख दिया। बताया जा रहा है कि विशेष की बजाय साधारण सभा के बचे हुए तीन विषयों की स्थगित बैठक अगले तीन से चार दिन में आयोजित होगी।