भोपालPublished: Jul 15, 2023 09:59:36 pm
hitesh sharma
सूरज से पहले तेजस की गर्दन में भी इसी तरह का घाव मिला था, फिर भी अफसरों ने नहीं दिया ध्यान, देश में पहली बार इस तरह इंफेक्शन से चीता की मौत
भोपाल। चीता सूरज और तेजस की मौत के मामले में वन विभाग के अफसरों की बड़ी लापरवाही रही। 9 वनकर्मियों की टीम हर चीता की लगातार मॉनिटरिंग करती है, मंगलवार को तेजस के गले में घाव के बाद भी मॉनिटरिंग दल ने अन्य चीतों पर ध्यान नहीं दिया। तीन दिन बाद इसी तरह का घाव सूरज के गले में भी दिखाई दिया। चीता स्टेयरिंग कमेटी के अध्यक्ष राजेश गोपाल का कहना है कि रेडियो कॉलर से आई नमी के चलते त्वचा में संक्रमण हो गया। संक्रमण में मख्खी ने अंडे दे दिए, जिसने घाव को इतना गंभीर बना दिया कि चीता की मौत हो गई। वहीं, पीसीसीएफ वन्य प्राणी जेएस चौहान का कहना है कि आज तक रेडियो कॉलर से संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है। सूरज से पहले तेजस को भी इसी तरह का घाव था।