भोपाल

कुठियाला की जमानत अर्जी खारिज, अब टीम भेजकर ईओडब्ल्यू करेगा पूछताछ

जांच का दायरा ओर बढ़ाया, विवि के खाते से सेमिनार के नाम पर बांटे गए पैसों की भी होगी जांच
 
 

भोपालJun 23, 2019 / 08:03 am

Radhyshyam dangi

भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि के पूर्व कुलपति प्रो ब्रजकिशोर कुठियाला की शनिवार को अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। ईओडब्ल्यू के विशेष प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजीव पांडे की अदालत में कुठियाला ने जमानत अर्जी पेश की थी।

ईओडब्ल्यू ने भी जमानत देने पर आपत्ति पेश की थी। जिसके आधार पर अदालत ने कुठियाला को कोई राहत नहीं दी। जमानत अर्जी खारिज होने के बाद ईओडब्ल्यू अब कुठियाला से पूछताछ के लिए अपनी टीम हरियाणा भेजकर पूछताछ करने की तैयारी में जुट गया है। बताया जा रहा है कि कुठियाला को अब बयान देने के लिए फिर से ईओडब्ल्यू बुलाया जाएगा।

यदि वह हाजिर नहीं होते हैं तो टीम, हरियाणा भेजी जाएगी। कुठियाला के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने 409, 420, 120 बी भादवि और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियिम-1994 के तहत प्रकरण दर्ज कर रखा है।

इधर, अब कुठियाला द्वारा पेश किए गए मेडिकल की अवधि भी खत्म हो चुकी है। इसके चलते अब कुठियाला के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। ईओडब्ल्यू का तर्क है कि कुठियाला के खिलाफ ठोस सबूत है। जिला अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद भी यदि वे हाई कोर्ट जाते हैं तो भी ईओडब्ल्यू को उम्मीद है कि वहां से भी जमानत नहीं मिलेगी।

अब आगे यह होगा

ईओडब्ल्यू पूछताछ के लिए टीम बनाएगी। यह टीम हरियाणा भेजी जा सकती है। कुठियाला की गिरफ्तारी भी संभव है। बार-बार ईओडब्ल्यू व कोर्ट को गुमराह करने के कारण अब कुठियाला को और अधिक परेशानी हो सकती है। कुठियाला ने वैसे भी 27 जून तक का समय ईओडब्ल्यू से मांगा था, यह तिथि भी नजदीक आ रही है। इस कारण कुठियाला को अपना बयान तो देना ही होगा।

बयान के लिए तीन रास्ते हैं। पहला यह कि वह खुद भोपाल आ जाए और दूसरा यह कि टीम कुठियाला के पास जाकर बयान ले। तीसरा यह कि कुठियाला को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की करें। डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी ने बताया कि कुठियाला से पूछताछ के लिए टीम बनाकर हरियाणा भेजी जा सकती है।

ईओडब्ल्यू घेरेगा इन बिंदुओं पर

कुठियाला वर्तमान में हरिायाणा राज्य उच्च शिक्षा आयोग के अध्यक्ष है। लेकिन ईओडब्ल्यू की पूछताछ से बचने के लिए वे 72 वर्षीय सीनियर सिटीजन बताते हुए बीपी, मधुमेह, व हाईपरटेंशन की बीमारियों से ग्रसित बता रहे हैं। मेडिकल भी पेश किया। ईओडब्ल्यू का तर्क है कि अस्वस्थ्य होने की दशा में वे आयोग के अध्यक्ष पद का दायित्व कैसे निभा रहे? दोहरी बातें सामने आने के कारण ईओडब्ल्यू गिरफ्तारी भी कर सकते हैं।

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