scriptबीमा अस्पताल के किचन में शराब की बोतलें, बीपी तक की दवा नहीं | Labor Minister did inspect insurance hospital | Patrika News

बीमा अस्पताल के किचन में शराब की बोतलें, बीपी तक की दवा नहीं

locationभोपालPublished: Feb 02, 2019 01:47:07 am

Submitted by:

Bharat pandey

श्रम मंत्री ने किया निरीक्षण, एक कर्मचारी सस्पेंड, डॉक्टर को शोकॉज नोटिस

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भोपाल। कहने को अस्पताल लेकिन मरीजों को ब्लड प्रेशर तक की दवाएं नहीं मिल रहीं। किचन में खाद्य सामग्री की बजाय शराब की बोतलें भरी पड़ी। पहले पर्चा बनवाने तीन किलोमीटर सुभाष नगर जाओ, उसके बाद मिलेगा अस्पताल में इलाज।

सोनोग्राफी मशीन है लेकिन जांच नहीं होती। कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल की यह हकीकत उस समय सामने आई जब श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने औचक निरीक्षण किया। किचन में शराब बोतलें देखकर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए एक कर्मचारी को निलंबित करने और एक डॉक्टर को शोकॉज जारी करने के निर्देश दिए।

मंत्री सिसोदिया सुबह करीब 11 बजे बीमा अस्पताल पहुंचे। निरीक्षण में हर जगह अव्यवस्था नजर आई। अस्पताल की पैथोलोजी लैब भी बंद पड़ी है। मंत्री जैसे ही किचन में पहुंचे तो वहां एक्जास्ट फैन खराब मिला, चारों ओर गंदगी का आलम था। प्लेटफॉर्म के नीचे शराब की खाली बोतलें भरी हुई थीं। यह देखकर मंत्री भडक़ गए। श्रम मंत्री ने रसोईघर में अव्यवस्थायें मिलने पर गहरी नाराजगी जताते हुए किचन इंचार्ज विनीत विल्सन को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने तथा इंचार्ज चिकित्सक डॉ. सीएम केसरी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों को रिनोवेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने और आगामी दस दिनों में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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15 दिन से लगा रहे चक्कर, लेकिन नहीं मिली दवा
मंत्री ने वहां मौजूद मरीजों से भी बातचीत की। इस दौरान बारेलाल अहिरवार ने बताया कि वो गर्भवती पत्नी को लेकर 15 दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। उसे अभी तक ब्लड प्रेशर की दवा तक नहीं मिली। पत्नी के पैरों में सूजन आ गई है। जब बीपी की दवा नहीं है तो ऐसे अस्पताल में प्रसूति कैसे कराएंगे। मंत्री ने तत्काल अपने पीए का नंबर मरीज को दिया और कहा कि शाम तक दवा नहीं मिले तो उन्हें बताएं।

मशीन होने के बावजूद बाहर कराते हैं सोनोग्राफी
मरीजों ने यह भी शिकायत की कि उन्हें पर्चा बनवाने सुभाष नगर जाना पड़ता है उसके बाद ही बीमा अस्पताल में डॉक्टर देखते हैं। अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन है लेकिन जांच नहीं होती। क्योंकि कोई रेडियोलोजिस्ट ही नहीं है। अन्य जांचें भी बाहर कराना पड़ती हैं। मंत्री ने शीघ्र ही रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के निर्देश दिए। चिकित्सालय की अधीक्षक डॉक्टर सत्यवती हेमान्द्री को वार्ड बॉय और अन्य रिक्त पदों की डिमांड भेजने को कहा। श्रम मंत्री ने मप्र भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल कार्यालय का भी निरीक्षण किया।

 

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