5 हजार क्विंटल ही आई फल सब्जी
किसानों के गांव बंद आंदोलन का आंशिक असर शनिवार को करोंद मंडी में देखने को मिला। जिससे शहर में दूध और सब्जियों की आवक आम दिनों की अपेक्षा कम रही। आम दिनों की तुलना में यहां व्यापार करने वाले किसानों की संख्या 7 हजार से घटकर पांच हजार रही। 10 हजार क्विंटल आने वाली फल-सब्जी, शनिवार को 5 हजार क्विंटल ही आ सकी। आंदोलन की आहट को देखते एडीएम जीपी माली और एसडीएम मुकुल गुप्ता ने कृषि उपज मंडी करोंद का निरीक्षण किया। एडीएम इस दौरान काफी देर मंडी में रहे। रोजाना 14 हजार क्विंटल प्याज और लहसुन आता था। शनिवार को 500 क्विंटल प्याज आया। लहसुन नहीं आया।
ये रही स्थिति:
भोपाल के व्यापारियों का कहना है कि किसान सामान्य रुप से तो आ रहे हैं. लेकिन ज़िले के बाहर के किसान और कुछ स्थानीय किसान नहीं पहुंचने से 30 से 40 फीसदी का असर पड़ा है. हालांकि उनका कहना है कि आने वाले दिनों में ज़रुर सब्जियों के दाम बढ़ने की आशंका है.
वहीं किसान आंदोलन के लिए संवेदनशील माने जा रहे मंदसौर में गांव बंद का असर बेहद ही कम दिखाई दे रहा है. पहले दिन से ही किसान आंदोलन की हड़ताल का जिलेभर में आंशिक असर है. कई जगह सब्जी मंडी में सब्जियों की नीलामी चालू है
इससे पहले आंदोलन के पहले दिन ही फलों, सब्जियों और दूध की सप्लाई बंद करने की ख़बरों के बीच चहल-पहल शुरू हो गई है. इंदौर में पुलिस की सुरक्षा के बीच दूध की सप्लाई शहर में की जा रही है. प्लांट से निकलने वाले सभी वाहनों को पुलिस वाहनों के साथ ही शहर में भेजा जा रहा है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में किसान बंद आंदोलन आज से शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के मंदसौर गोलीकांड के एक साल पूरे होने पर किसान संगठनों द्वारा गांव बंद का ऐलान हुआ था.
जानिये सीएम के गृह जिले की स्थिति…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में गांव बंद किसान आंदोलन शुरूआती दौर में ही अप्रभावी रहा. यहां दूसरे दिन भी जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी होलसेल सब्जी मंडी आम दिन की तरह खुली और सब्जी उत्पादक किसान काफी मात्रा में सब्जी लेकर पहुंचे.
मंडी में स्थानीय और बाहर से व्यापारियों ने सब्जी खरीदी. जिले की आष्टा और नसरुल्लागंज समेत सभी मंडियां भी सामान्य दिन की तरह चली. व्यापारियों ने खुद कहा की किसान स्वेच्छा से आए हैं.
इसके आलावा राजधानी भोपाल में दूसरे दिन मंडियों में किसान आम दिनों की तरह ही सब्जी लेकर मंडी में पहुंचे. हालांकि कुछ किसान नहीं आने से आंशिक असर नज़र आया. व्यापारियों का कहना है कि किसान सामान्य रुप से तो आ रहे हैं. लेकिन ज़िले के बाहर के किसान और कुछ स्थानीय किसान नहीं पहुंचने से 30 से 40 फीसदी का असर पड़ा है. हालांकि उनका कहना है कि आने वाले दिनों में ज़रुर सब्जियों के दाम बढ़ने की आशंका है.
वहीं किसान आंदोलन के लिए संवेदनशील माने जा रहे मंदसौर में गांव बंद का असर बेहद ही कम दिखाई दे रहा है. पहले दिन से ही किसान आंदोलन की हड़ताल का जिलेभर में आंशिक असर है. कई जगह सब्जी मंडी में सब्जियों की नीलामी चालू है.