पानी वेटलैंड बनाता है। उसके बायोलॉजिकल कंपोजिशन जो मछलियों, प्रवासी पंक्षियों, जलप्रवाह की दिशा से तय होता है। वेटलैंड की सीमा जल फैलाव, जमीन की नमीं, सामान्य मानसून में नमी की स्थिति पर निर्भर होगी। सतह से एक फुट तक क्षेत्र में पानी होना ही चाहिए। वेटलैंड की ईकोलोजिकल कनेक्टिविटी होना चाहिए। नम भूमि के पास का क्षेत्र भी वेटलैंड में शामल होगा।
पांच विशेषज्ञ होंगे: वन एवं पर्यावरण मंत्री चेयरपर्सन होंगे। चीफ सेक्रेटरी के साथ मंत्रालय समेत शहरी विकास, पर्यटन, जलसंसाधन, मत्स्य, सिंचाई, राजस्व विभाग के सचिव सदस्य रहेंगे। इसमें पांच अलग-अलग मामलों के विशेषज्ञ भी होंगे।
नोडल एजेंसी होगी: तालाब में क्या गतिविधियां होगी अथॉरिटी तय करेगी। साथ ही संरक्षण की रणनीति बनाएगी। वेटलैंड के लिए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान बनाएगी। वेटलैंड के नियमों का पालन तय करेगी। ये नोडल अथॉरिटी के समान काम करेगी।
तालाब किनारे 50 मीटर की सीमा के अंदर तक अतिक्रमण और अवैध निर्माण हो गए हैं।
अतिक्रमण, अवैध निर्माणों और बढ़ती मानव हलचलों से प्रवासी पक्षियों की संख्या घट रही है।
निगम ने तालाब के एफटीएल में ही एसटीपी बना दी है।
तालाब के अंदर निगम ने सीमेंट कांक्रीट के बड़े निर्माण कर दिए।
पर्यटन विकास निगम ने सैर सपाटा पर्यटन केंद्र खोल दिया। यह शादी-पार्टी स्थल बन चुका है।
गंदे नाले सीधे तालाब में मिल रहे हैं, इन्हें नहीं रोक पा रहे
तालाब में मोटराइज्ड बोट यहां तक कि कू्रज चलाया जा रहा।
तालाब किनारे कई मैरिज गार्डन विकसित हो गए।
नोट: निगम अंकुश नहीं लगा रहा।
अतिक्रमण से पूरी तरह मुक्त
किसी भी तरह का उद्यम न हो
किसी भी तरह का निर्माण न हो, सोलिड वेस्ट की डंपिग
अनट्रीटेड वेस्ट न हो, बोट, जेट्टी को छोड़कर कोई भी निर्माण न हो, अवैध शिकार नहीं
बायोमॉस हॉर्वेस्टिंग, मछलीपालन, नान मॉटराइज्ड बोट संचालन, गहरीकरण यदि गाद जमा हो रही हो तो।