scriptहार पर कमलनाथ के मंत्री ने कहा- 70 दिन तो स्वागत कराने में बीत गए और मोदी सुनामी में लोकसभा चुनाव निपट गया | Lakhan Singh Yadav said lost election due to Modi influence | Patrika News

हार पर कमलनाथ के मंत्री ने कहा- 70 दिन तो स्वागत कराने में बीत गए और मोदी सुनामी में लोकसभा चुनाव निपट गया

locationभोपालPublished: Jul 16, 2019 02:30:35 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

मंत्री ने कहा- चुनाव को विकास से हटाकर हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की ओर मोड़ दिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार हमारे लिए चिंतनीय और दुखद है।

Lakhan Singh Yadav

हार पर कमलनाथ के मंत्री ने कहा- 70 दिन तो स्वागत कराने में बीत गए और मोदी सुनामी में लोकसभा चुनाव निपट गया

भोपाल. मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार हमारे लिए चिंतनीय और दुखद है। यह कांग्रेस के लिए भी बड़ा संकट है। वह हमारे अजेय योद्धा थे। माहौल उनके खिलाफ नहीं, कांग्रेस के खिलाफ था। उनके इलाके के लोग दुखी हैं कि आखिर कैसे हार गए। यह हमारे लिए भी सबक जैसा है। प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि मोदी की सुनामी थी, पूरा चुनाव हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर लड़ा गया। जब सब ढह गए तो ग्वालियर-चंबल कैसे बच जाता। अब हमें मंथन करना होगा कि आखिर क्यों हम इतने पीछे चले गए।
हमें अपनी रणनीति को भी बदलना होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर कहा कि यह हाईकमान को तय करना है कि किसे जिम्मेदारी दी जाए, लेकिन बेहतर होगा कि किसी युवा को ये जिम्मेदारी मिले। पेश हैं उनकी शैलेंद्र तिवारी से बातचीत के मुख्य अंश…
Q. क्या ऐसी उम्मीद थी कि परिणाम 28 और एक रह जाएंगे?
A. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि ऐसे परिणाम आएंगे। मैं अकेले मध्यप्रदेश की बात नहीं कर रहा हूं। मैं पूरे देश की बात कर रहा हूं, परिणाम चौंकाने वाले हैं। यह हमें एक बार सोचना होगा कि आखिर ऐसी नौबत कैसे आ गई।
Q. ग्वालियर-चंबल इलाके में दलित आंदोलन का खामियाजा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भुगता और लोकसभा में कांग्रेस ने?
A. भिंड में हमें नुकसान के पीछे प्रत्याशी का नया होना था। पूरा चुनाव मोदी सुनामी में निपट गया। ग्वालियर-चंबल क्या, हम पूरे प्रदेश और देश में निपट गए। हमें एक बार फिर से खुद की रणनीति के बारे में सोचना होगा।
Q. आपके नेता भी मंदिर-मंदिर घूम रहे थे, फिर भी हिंदुत्व में कैसे पिछड़ गए?
A. साजिश के तहत पुलवामा को चुनावी मुद्दा बनाकर फायदा उठाया गया। उन्होंने चुनाव को विकास से हटाकर हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की ओर मोड़ दिया। यह हमें सोचना होगा कि आखिर हम ऐसी साजिश को कैसे बेअसर करें। कैसे भाजपा के झूठ को बेनकाब करें।
Q. सरकार को चार महीने के भीतर ही मतदाताओं ने नकार दिया, क्या वजह है?
A. देखिए, हमें समय कम मिला। 70 दिन मिले थे, इलाकों में स्वागत कराने में और काम करने में ही खर्च हो गए। हमने ज्यादा से ज्यादा काम करने और ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन हम अपनी बात जमीन तक पहुंचा नहीं पाए और उन्हें समझा नहीं पाए।
Q. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, फिर क्यों ज्यादा लोकसभा सीटें नहीं जिता पाए?
A.मतदान के बाद हमारा आंकड़ा था कि हम 12 से 15 सीटें जिताने में कामयाब होंगे। परिणाम हमें हताश और निराश करने वाले हैं। दो दिन में जो आकलन किया, वह समझ में आया कि पूरे चुनाव में राष्ट्रवाद और हिंदुत्ववाद हावी रहा और इसे नरेंद्र मोदी भुनाने में कामयाब रहे।
Q. कमल नाथ प्रदेश अध्यक्ष का पद छोडऩे को तैयार हैं, किसे दावेदार मानते हैं?
A. ये पार्टी हाईकमान को तय करना है कि किसके पास पद रखना है और किससे पद लेना है। अगर वह (कमलनाथ) पद छोड़ते हैं तो फिर किसी युवा को मौका देना चाहिए, जिससे वह ज्यादा ताकत के साथ संगठन को मजबूती के साथ खड़ा करे।
Q. ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार को किस तरह से देखते हैं?
A. ज्योतिरादित्य की हार हमारे लिए चिंतनीय और दुखद है। यह कांग्रेस के लिए भी बड़ा संकट है। वह हमारे अजेय योद्धा थे। माहौल उनके खिलाफ नहीं, कांग्रेस के खिलाफ था। उनके इलाके के लोग दुखी हैं कि आखिर कैसे हार गए। यह हमारे लिए भी सबक जैसा है।
Q. क्या आपको नहीं लगता है कि प्रदेश सरकार को अपने काम करने के रवैऐ के बारे में एक बार फिर सोचना होगा कि आखिर आपको नकारा क्यों गया?
A. हम इसको लेकर गंभीर हैं। प्रदेश संगठन और सरकार इस पर मंथन कर रहे हैं। हम इस पर विचार करेंगे कि आखिर हम किन परिस्थितियों में इतने पीछे चले गए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो