scriptप्रदेश के 750 असिस्टेंट प्रोफेसर से होगी लाखों रुपए की रिकवरी | Lakhs of rupees will be recovered from 750 assistant professors of the | Patrika News

प्रदेश के 750 असिस्टेंट प्रोफेसर से होगी लाखों रुपए की रिकवरी

locationभोपालPublished: Apr 18, 2021 10:39:21 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

बैकलॉग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायीकरण की तारीख बदलने की हो रही कार्रवाई।

asst_professor.jpg

भोपाल. उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में वर्ष 2004 से 2006 के बीच नियुक्त करीब 750 आरक्षित वर्ग के असिस्टेंट प्रोफेसर्स की स्थायीकरण तारीख बदली जा रही है। वहीं पूर्व में इन्हें मिले वरिष्ठ और प्रवर श्रेणी वेतनमान भी वापस लिए जाएंगे। इस कार्रवाई से इन्हें 12 साल तक की सर्विस का नुकसान होगा। साथ ही इनकी ग्रेच्युएटी और पेंशन पर भी असर पड़ेगा। अब इन्हें सभी लाभ बदली गई स्थायीकरण की नई तारीख से ही मिलेंगे। इसके चलते हर एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर लाखों रुपए की रिकवरी निकालने की तैयारी है।

दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग ने बैकलॉक के असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर वर्ष 2004 से 2006 के बीच मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की भर्ती की थी। उस समय अधिकतर के पास यूजीसी द्वारा तय स्लेट-नेट-पीएचडी योग्यता नहीं थी। इसलिए राज्य सरकार द्वारा योग्यता की शर्त को पूरा करने के लिए दो वर्ष की विशेष छूट प्रदान की गई थी। लेकिन अधिकतर असिस्टेंट प्रोफेसर इस दो वर्ष की अवधि में योग्यता हासिल नहीं कर सके। इसलिए विभाग इन्हें बार-बार मौका देता रहा और इस दौरान योग्यता प्राप्त करने वालों को नियुक्ति दिनांक के दो वर्ष बाद से ही स्थाई करता रहा। इस दौरान वेतनमान समेत अन्य सभी लाभ भी दे दिए गए। यह लाभ वर्ष 2018 तक दिए गए। अब योग्यता प्राप्त करने की तारीख से स्थायीकरण किया किया जाएगा।

अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड
बैकलॉग के असिस्टेंट प्रोफेसर्स का कहना है यह मापदंड पूर्व में नियुक्त सामान्य वर्ग के असिस्टेंट प्रोफेसर का प्रोबेशन पीरियड समाप्त करने में नहीं अपनाए गए। विभाग द्वारा स्लेट-नेट-पीएचडी की योग्यता प्राप्त करने की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर वर्ष 2017 तक की गई। इस समय तक योग्यता प्राप्त चुके असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायीकरण की तारीख और वेतनमान नहीं बदले जाने चाहिए। पहले से जो प्राध्यापक हैं उनका प्रोबेशन पीरियड योग्यता प्राप्त करने की तारीख से तय नहीं किया गया है।

must see: मध्य प्रदेश में कोरोना के ताजा हालात

अभी भी नहीं कर सके योग्यता पूरी
खास बात यह है कि इन असिस्टेंट प्रोफेसर में 40 से अधिक ऐसे भी हैं, जो अब तक यूजीसी की योग्यता को पूरी नहीं कर सके हैं। अब इन्हें स्लेट-नेट-पीएचडी करने के लिए एक और अवसर दिलाने की तैयारी है। इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाना है।

अनुसूचित जाति आयोग ने मांगा जवाब
उच्च शिक्षा विभाग की कार्रवाई से प्रभावित असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने मप्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग में गुहार लगाई है। इसके बाद आयोग ने विभाग से 30 दिन में जवाब मांगा था। 30 दिन बीत जाने के बाद भी जवाब नहीं दिया गया तो आयोग ने रिमाइंडर भेजा है।

Must see: कोरोना के साये में मतदान

https://www.dailymotion.com/embed/video/x80ooui
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो