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जमीन अधिग्रहण पर सरकार पैसे नहीं, देगी विकास अधिकार पत्र

locationभोपालPublished: Apr 13, 2018 09:59:51 am

Submitted by:

harish divekar

अधिग्रहीत जमीन का दोगुने से ज्यादा एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) मिलेगा

jcb

Digging a bridge from JCB bridge

भोपाल. प्रदेश में अधोसंरचना विकास को रफ्तार देने के लिए शहरी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की नई नीति लागू की जा रही है। इसे ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट यानी हस्तांतरणीय विकास अधिकार नीति कहा जाएगा। इसमें जमीन मालिकों को मुआवजे की बजाय विकास अधिकार पत्र दिए जाएंगे। इसके तहत अधिग्रहीत जमीन का दोगुने से ज्यादा एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) मिलेगा। इसे चाहे तो वह खुद इस्तेमाल करे या किसी अन्य को बेच दे। इस नीति का मसौदा तैयार हो चुका है। नोटिफिकेशन कर जल्द ही दावे-आपत्ति मांगी जाएंगी। सुनवाई के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून आने के बाद से शहरी क्षेत्र में जमीन का मुआवजा दोगुना हो चुका है।

इससे सिर्फ सरकारी जमीन पर ही बुनियादी ढांचा खड़ा हो पा रहा है। अब भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू होना है। इसके लिए निजी जमीन के अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी। निजी जमीन के अधिग्रहण के लिए सरकार भारी भरकम मुआवजा देने से बचना चाह रही है। इसीलिए यह टीडीआर पॉलिसी लाई जा रही है। इस नीति के आने से शहरी क्षेत्रों के मास्टर प्लान में सड़क, पुल-पुलिया, स्टेडियम, पार्क और ग्रीन बेल्ट के लिए प्रस्तावित क्षेत्र में निजी जमीन आने से इनका अधिग्रहण बिना मुआवजे के आसान हो जाएगा।
क्या है एफएआर
मास्टर प्लान में सभी क्षेत्रों का एफएआर तय होता है। उसके हिसाब से उपलब्ध भूखंड पर निर्माण हो सकता है। यदि कोई भूखंड एक हजार वर्गमीटर का है और इस पर एफएआर 1.5 है तो यहां 1500 वर्गमीटर का निर्माण हो सकता है। प्लॉट एरिया से सभी फ्लोर एरिया को भाग देने पर एफएआर निकलता है।
हमने टीडीआर का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेज दिया है। सरकार इसका नोटिफिकेशन जारी कर दावे-आपत्तियां आमंत्रित कर सुनवाई करेगी। इसके बाद ही लागू किया जाएगा। स्वाति मीणा, संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश
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