इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के पास (पर्यावरण परिसर के सामने) शाहपुरा मनीषा मार्केट से बिट्टन मार्केट जाने वाली सड़क के दोनों ओर कई वर्षों से बांस का सामान बनाने वाले जमे हुए हैं। आईएचएम के पास बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती थी। यहां रह रहे लोग सड़क पर सामान फैलाकर रखते थे। सामान खरीदने वाले भी सड़क पर ही वाहन पार्क कर खरीदारी करते थे। इससे अक्सर जाम और दुर्घटना की स्थिति बनती थी। यहां से बांसखेड़ी को 12 नम्बर मल्टीस्टोरी, अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में विस्थापित किया गया।
बांस का काम करने वाले 18 लोगों को 12 नम्बर से दानापानी रेस्टोरेंट रोड पर विस्थापित करते हुए नगर निगम द्वारा स्थान दे दिया गया। यहां 18 की जगह करीब 88 अस्थाई शेड बना लिए गए, जिनमें 18 को छोड़कर सभी अवैध हैं। यहां बांस की आड़ में दूध डेरी, बिल्डिंग मटेरियल आदि का कारोबार संचालित किया जा रहा है। जिन 18 बांस कारीगरों को दानापानी रोड पर विस्थापन के बदले जगह दी गई थी, उन्होंने नई जगह पर तो जमीन कब्जा ली, लेकिन पर्यावरण परिसर के सामने की सड़क से अपना कब्जा नहीं हटाया।
पत्रिका संवाददाता ने जब इन बांस कारीगरों से पूछा कि वे विस्थापन वाली जगह पर न जाकर यहीं क्यों जमे हुए हैं तो रामप्रसाद, काशीबाई आदि ने बताया कि नए स्थान पर जगह तो ले ली है, लेकिन यहां पुराने ग्राहक आते हैं। यहां व्यवसाय अच्छा चलता है, इसलिए नगर निगम के लोगों से बात करके काम कर रहे हैं।
बांसखेड़ी के 18 कारीगरों को काम करने के लिए दानापानी रोड पर जगह दी गई थी। पर्यावरण परिसर के सामने जमे बांस का काम करने वालों को हटाया जाएगा। इस मामले में अधिकारियों से बात कर कार्रवाई की जाएगी।
कमर साकिब, प्रभारी अतिक्रमण अधिकारी, नगर निगम